MP News: मध्य प्रदेश के जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) में एक बार फिर पदस्थापना से जुड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है। विभाग के इंजीनियर इन चीफ विनोद कुमार देवड़ा ने तीन दिन पहले एक आदेश जारी किया, जिसमें जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) को सीनियर इंजीनियर (Senior Engineer) के ऊपर प्रभारी पद दे दिया गया। इस आदेश के अनुसार, पूनमचंद्र ग्वालवंशी, जो वर्तमान में प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर (In-charge Deputy Director) एवं एक्जीक्यूटिव इंजीनियर – सेंट्रल मैकेनिकल यूनिट (Central Mechanical Unit) में पदस्थ हैं, उन्हें अब इंचार्ज डायरेक्टर (In-charge Director) बनाया गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि ग्वालवंशी एक असिस्टेंट इंजीनियर हैं, जिन्हें कुछ समय पहले ही एक्जीक्यूटिव इंजीनियर का प्रभार दिया गया था। लेकिन अब उन्हें उसी यूनिट में पदस्थ रेगुलर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, एचएस ठाकुर (H.S. Thakur) के ऊपर का पद दे दिया गया है। इससे विभाग में असंतोष और भ्रम की स्थिति बन गई है।
पहले भी हो चुका है ऐसा मामला
यह पहली बार नहीं है जब जल संसाधन विभाग में इस तरह का पोस्टिंग का विवादित आदेश सामने आया हो। इससे पहले बोदी शाखा (Bodi Branch) में अधीक्षण यंत्री (Superintending Engineer) को कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) के अंडर में कर दिया गया था। जब लोगों ने इस मामले को उठाया तब उच्चाधिकारियों को इसकी भनक लगी और तत्काल आदेश को निरस्त कर दिया गया था।
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क्या दी सफाई
इस संबंध में जब इंजीनियर इन चीफ विनोद कुमार देवड़ा से बात की गई तो उन्होंने कहा – "मुझे इस आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं ध्यान से देखूंगा।" विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह आदेश पदानुक्रम और सेवा नियमों के विरुद्ध है। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो यह आगे चलकर कानूनी विवाद का रूप भी ले सकता है।
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