मध्य प्रदेश के मुरैना में कैलारस शक्कर कारखाने की जमीन की नीलामी पर किसानों के विरोध के बाद रोक लगा दी गई है। किसान और कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता मंगलवार (21 जनवरी 2025) को करीब 800 ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर धरने पर बैठ गए। पुलिस के रोके जाने के बाद हंगाना बढ़ गया। इस दौरान जेल भरो आंदोलन और सत्याग्रह किया गया। कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय अगुआई में हुए आंदोलन हजारों किसान शामिल हुए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे विधायक पंकज उपाध्याय समेत 25 लोगों को हिरासत में लिया है। यहां किसान कारखाने को फिर शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
13 साल से बंद है शक्कर कारखाना
कैलारस का शक्कर कारखाना 13 सालों से बंद पड़ा हुआ है। सरकार ने हाल ही में कारखाने की भूमि नीलाम करने का निर्णय लिया था। मंगलवार को नीलामी प्रक्रिया सुबह 10:30 बजे शुरू हुई, लेकिन बोली प्रक्रिया से पहले ही उसे रोक दिया गया। जमीन खरीदने के लिए पांच खरीददारों ने 5 लाख रुपए की राशि जमा की थी। नीलामी के दौरान खरीददारों ने राशि जमा कराई थी, लेकिन बोली की कीमत बाजार मूल्य से अधिक होने के कारण उन्होंने अपने नाम वापस ले लिए। इस पर नीलामी स्थगित कर दी गई।
प्रदर्शनकारियों का हंगामा, पुलिस ने रोके ट्रैक्टर
कैलारस में एमएस रोड पर ऑक्सफोर्ड स्कूल के पास प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर धरनास्थल पर पहुंच रहे थे, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया। जौरा से कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय मौके पर पहुंचे, और पुलिस से बहस हुई। इसके बाद पुलिस ने विधायक सहित 25 लोगों को पकड़कर वज्र वाहन में बैठा लिया। इस धरने में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और हजारों कांग्रेस और ग्रामीण शामिल हुए।
MP में अधिकारियों पर भड़के कांग्रेस विधायक, दे डाली हाथ तोड़ने की धमकी
26 जनवरी से फिर प्रदर्शन करने की चेतावनी
कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय का कहना है कि किसानों के विरोध के बाद प्रशासन ने नीलामी रोक दी है। कलेक्टर अंकित अस्थाना ने यह आश्वासन दिया कि कारखाने को फिर से शुरू किया जाएगा, वादाखिलाफी की तो 26 जनवरी से फिर से प्रदर्शन किया जाएगा।
बुरहानपुर में कलेक्टर का सख्त कदम, भ्रष्ट बाबू को बना दिया चपरासी
विधायक का आरोप: सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया
कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाया कि किसानों के लंबे समय से चल रहे धरने के बावजूद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बंद पड़े कारखानों को फिर से चालू करने के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन राज्य सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के चलते कैलारस शक्कर कारखाने को फिर से चालू करने के लिए पहल नहीं की गई।
PM आवास योजना: आ गई तारीख, अपने घर के लिए आवास 2.0 में जल्दी करें आवेदन
कम खर्च में चालू हो सकता है शक्कर कारखाना
कम्युनिस्ट नेता गयाराम धाकड़ ने बताया कि नेशनल शुगर फेडरेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कैलारस शक्कर कारखाना सिर्फ 30 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया जा सकता है। रिपोर्ट में कारखाने की मशीनरी को आधुनिक करने और उत्पादन क्षमता को 1,200 टन से बढ़ाकर 2,000 टन करने की सिफारिश की गई है, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया।
ओबीसी आरक्षण: हाईकोर्ट में 87 प्रकरणों की सुनवाई फिर टली, 28 जनवरी को होगी अगली सुनवाई