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Burhanpur Collector
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में कलेक्टर भव्या मित्तल ने भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाए गए एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ सहायक (posted assistant) ग्रेड-3 सुभाष काकडे पर भर्ती के लिए पैसे मांगने का आरोप था।
कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुभाष को निलंबित किया और उसकी जांच करवाई। जांच में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर ने उसे चपरासी के पद पर डिमोशन करने का भी आदेश दिया।
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क्या था पूरा मामला?
बता दें कि, कलेक्टर दफ्तर में आयोजित जनसुनवाई के दौरान जुलाई 2024 में शिकायत मिली थी। शिकायत में महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय में पदस्थ सुभाष काकडे ने आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर भर्ती के लिए पैसे की मांग की थी।
कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और सुभाष को निलंबित करते हुए जांच का आदेश दिया। जांच में सुभाष के द्वारा पद के दुरुपयोग का खुलासा हुआ, जिसके बाद उसे एमपी सिविल सेवा आचरण (mp civil service conduct) नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया।
कलेक्टर का संदेश
कलेक्टर भव्या मित्तल ने इस कदम से स्पष्ट कर दिया कि, भ्रष्टाचार या किसी भी प्रकार के पद के दुरुपयोग को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर की इस सख्त कार्रवाई को बुरहानपुर के नागरिकों ने सराहा है। इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए ईमानदारी से काम करने का एक मजबूत संदेश माना है।
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कलेक्टर के फैसले का स्वागत
इस फैसले से सरकारी महकमों में हलचल मच गई है, क्योंकि कलेक्टर ने न केवल एक दोषी कर्मचारी को दंडित किया। बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि सरकारी विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। अब नागरिकों और प्रशासन की उम्मीद है कि, इस कदम से अन्य कर्मचारी भी अपने कर्तव्यों का पालन अधिक ईमानदारी से करेंगे।
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