संजय गुप्ता, INDORE. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) की विधानसभा इंदौर एक में महू की विधायक उषा ठाकुर द्वारा अपने समर्थकों के साथ शनिवार को निगम अधिकारियों को धमकी देना भारी पड़ गया। निगम के भवन अधिकारी देवकीनंदन वर्मा ने इस पूरे मामले की शिकायत एरोड्रम थाने पर कर दी, जिसके बाद उषा के समर्थक नितेश जैन, यानिक मालवीय, शीतलेशवर गृह निर्माण सहकारी संस्था व अन्य साथियों पर केस दर्ज कर लिया। उल्लेखनीय है कि जहां विधानसभा कैलाश विजयवर्गीय की है, वहीं निगम भी उन्हीं के विभाग के अधीन आता है, यानि उन्हीं की विधानसभा में उन्हीं के विभाग के अधिकारियों को उषा ठाकुर व उनके समर्थकों ने धमकियां दी थी।
मामला सीएम तक जाएगा, राजनीतिक तूल बढ़ेगा
इस पूरे मामले में अब बीजेपी के राजनीतिक तूल बढ़ना तय है। ठाकुर तो शनिवार को ही बोल चुकी थी कि मामले में गलत रिमूवल हो रहा है और इस पूरे मामले को मैं सीएम डॉ. मोहन यादव के संज्ञान में लेकर आऊंगी। जब पंचायत से नक्शे पास है, सभी मंजूरियां है, इतने सालों से निर्माण है तो फिर रिमूवल कैसे हो सकता है?
केस में नामजद होने से उषा ठाकुर का बचना आसान नहीं
पुलिस ने वर्मा के आवेदन पर धारा 353 यानि शासकीय काम में बाधा के साथ ही धारा 186., 34 व नगर पालिक एक्ट 1956 की धारा 292 (ग) के तहत केस कराया है। एफआईआर में तीन नामजद आरोपी है और इसमें उषा ठाकुर का नाम नहीं है। लेकिन वह जांच से बाहर भी नहीं है, क्योंकि इसमें आरोपियों के नाम के साथ ही व अन्य साथी शब्द लिखा है। यानि जांच के दौरान पुलिस को जो भी नाम पाए जाएंगे, वह इसमें जुड़ेंगे।
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सभी को पता है धमकी ठाकुर ने दी
मारवड़ी अग्रवाल नगर में निगम की रिमूवल कार्रवाई के दौरान उषा ठाकुर ( Usha Thakur ) की धमकी देने के कई वीडियो सामने हैं। इसमें वह निगम अधिकारियों को धमकाते हुए समझा रही है कि इन्हें (रिमूवल टीम को) लेकर जाओ नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी। साथियों से कह रही है कह रही है कि जेसीबी की चाबियां निकाल लो। अधिकारियों से कहा यहां से चले जाओ और यह भी कि निगमायुक्त दो दिन पहले आए हैं, उन्हें यहां तत्काल बुलाओ।
क्या हुआ था मामला
एरोड्रम क्षेत्र में मारवड़ी अग्रवाल नगर का है, जहां शुक्रवार सुबह-सुबह निगम की रिमूवल टीम जेसीबी, पोकलेन के साथ मकान तोडऩे पहुंची थी। मौके पर ठाकुर भी पहुंच गई और अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई और धमकियां दी। रहवासियों का कहना है कि पहले यह छोटा बांगड़दा पंचायत क्षेत्र में थी और पंचायत से मंजूरी लेकर ही कॉलोनी कटी है। नगर निगम द्वारा यहां संपत्ति कर व अन्य कर लिए जा रहे हैं और रसीद भी है। वहीं जुलाई 2023 में निगम इसे अवैध से वैध करने की सूची में शामिल कर सूचना जारी कर चुकी है। फिर कार्रवाई की जरूरत ही नहीं है। रहवासी भी आवेदन दे चुके हैं। रहवासियों ने एमआईसी मेंबर और स्थानीय पार्षद अश्विनी शुक्ला पर भी जमकर आरोप लगाए थे।
ठाकुर क्यों आई इस विधानसभा में
ठाकुर मूल रूप से इंदौर विधासनभा एक ही रहवासी है। वह साल 2003 में यहां से विधायक रह चुकी है। उन्हीं के समय पर इस कॉलोनी में बिजली के खंबे व अन्य सुविधाएं शुरू हुई थी। वहीं कहा यह भी जाता है कि ठाकुर के ही एक परिचित द्वारा यह कॉलोनी काटी गई थी। इसके चलते भी वह इस कार्रवाई को रूकवाने के लिए पहुंची थी।
कैलाश और उषा की नहीं बैठती है पटरी
कैलाश विजयवर्गीय और उषा ठाकुर की राजनीतिक पटरी मेंल नहीं खाती है। दरअसल साल 2013 में ठाकुर इंदौर विधानसभा 3 से विधायक बनी, वह साल 2018 में भी यहीं से टिकट चाहती थी, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को यहां से टिकट मिला और उन्हें पार्टी ने महू भेज दिया। इसके चलते उन्होंने खुलकर आरोप लगाए थे कि पुत्र के चलते उन्हें महू में भिजवाया गया। हालांकि वह महू से 2018 में जीती और मंत्री बनी, फिर 2023 में भी रिकार्ड मत से जीती, हालांकि इस बार मंत्री नहीं बनाया गया।