इन उद्योगपति के घर हुई थी कांग्रेस सरकार बचाने के लिए कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य की मीटिंग

मार्च 2020 में कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक अहम बैठक हुई थी। हालांकि, यह बैठक सरकार को बचाने में असफल रही और सरकार गिर गई।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (THESOOTR)

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INDORE. मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के एक मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू ने मार्च 2020 में गिरी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के पुराने जख्म हरा कर दिए हैं। इसके बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी इसमें बयान दिया है।

इस पूरे मामले में 'द सूत्र' को सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी से सामने आया है कि आखिर किस उद्योगपति के घर पर यह सबसे अहम बैठक हुई थी। 

दिग्विजय सिंह ने क्या दिया था बयान

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था कि - ये प्रचारित किया गया कि मेरी और सिंधिया की लड़ाई की वजह से कमलनाथ की सरकार गिर गई... लेकिन सच्चाई यह नहीं है। बल्कि मैंने चेतावनी दी थी कि ऐसी घटना हो सकती है। 

दिग्विजय सिंह ने बताया कि एक बड़े उद्योगपति हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा... कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों से उनके अच्छे संबंध हैं. मैं उनके पास गया और कहा कि देखिए इन दोनों की लड़ाई में हमारी सरकार गिर जाएगी। आप जरा संभालिए क्योंकि आपके दोनों से अच्छे संबंध हैं।

दिग्विजय सिंह ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अपने घर पर डिनर का आयोजन किया। इसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा मुझे भी आमंत्रित किया गया। उनके घर में भोजन रखा गया और मैं भी उसमें शामिल हुआ। मैंने बहुत कोशिश की कि ये मामला निपट जाए। वहां पर सभी समस्याओं को लेकर एक लिस्ट तैयार हुई, लेकिन उसका पालन नहीं हो पाया। ये बात सही है कि उनकी कोशिशों के बाद भी कमलनाथ सरकार नहीं बच पाई। उनका ज्योतिरादित्य सिंधिया से कोई विवाद नहीं था। 

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कमलनाथ ने X पर दिया यह बयान

इस बयान के बाद बवाल मच गया। संदेश यही गया कि कुल मिलाकर कमलनाथ की सरकार गिरने की वजह खुद कमलनाथ ही थे। इसके बाद उन्होंने अपने टिव्टर एकाउंट पर 24 अगस्त को बयान जारी किया और कहा कि- मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है।

मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं। लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार श्री दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिराई।

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इन उद्योगपति के यहां हुई थी बैठक

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'द सूत्र' को विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक कांग्रेस पार्टी के पूर्व सदस्य केके बिड़ला की बेटी और बिड़ला परिवार के मुखिया जीडी बिड़ला की पोती शोभना भरतिया के यहां फरवरी 2020 में हुई थी।

भरतिया एचटी मीडिया की प्रमुख है और वह साल 2006 से 2012 तक कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य सभा सांसद रही है। वह और उनका परिवार शुरू से ही कांग्रेस के करीबी रहा है और वह ना केवल कमलनाथ के साथ बल्कि सिंधिया परिवार के भी बेहद करीबी रही है। इसी तरह दिग्विजय सिंह के साथ भी उनके गहरे ताल्लुकात रहे हैं। उनका विवाह श्याम सुंदर भरतिया से हुआ है जो दवा कंपनी जुबिलेंट लाइफसाइंस लिमिटेड के अध्यक्ष हैं। 

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इस तरह हुई थी मीटिंग की प्लानिंग

सरकार बनने के बाद जब लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार हुई वह बहुत बड़ा झटका थी। इसके बाद वह खुद को मजबूत करने में जुटे हुए थे और ग्वालियर-चंबल में अपने हिसाब से पोस्टिंग व अन्य फैसले चाहते थे।

साथ ही राजस्व विभाग से ट्रस्ट की जमीन का भी मुद्दा था। लेकिन पूरी सरकार में संदेश यही था कि कमलनाथ सरकार में सभी फैसले कमलनाथ से ही होते थे चाहे मंत्री और विभाग कोई भी हो। इसके चलते टकराव बढ़ गया, यह खुलकर जनवरी 2020 में सामने आया जब कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में सुलह नहीं हुई और नाराज होकर सिंधिया निकल गए। तब सिंधिया ने कहा कि मैं सड़कों पर उतरूंगा और कमलनाथ ने कह दिया तो उतर जाएं सड़कों पर।

इसके बाद दिग्विजय सिंह ने सरकार को बचाने के लिए भरतिया से संपर्क किया और बुलाने का आग्रह किया। इसके बाद फरवरी में नई दिल्ली में भरतिया के घर पर डिनर पर यह बैठक हुई। इसमें सिंधिया ने अपनी कई मांगें रखी। इसमें विशेषकर ग्वालियर-चंबल में उनके हिसाब से काम होना, उनके कोटे के मंत्रियों को छूट, राजस्व विभाग और ट्रस्ट की जमीन का मसला व अन्य कई बातें थी।

बैठक में दिग्विजय सिंह ने यहां तक कहा कि निगम, मंडल आदि में जो नियुक्ति होना है, इसमें उनके कोटे के भी सिंधिया को दे दिए जाएं, ताकि सभी मिलकर सरकार चलाएं। इसमें मोटे तौर पर तो हां हो गई लेकिन इस पर काम कुछ नहीं हुआ। इसी बीच में सिंधिया बीजेपी के संपर्क में आए और नतीजतन कांग्रेस सरकार गिर गई।

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