जननी सुरक्षा योजना पर कमलनाथ ने उठाए सवाल, याद दिलाया सरकार का कर्तव्य

जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन पिछले एक साल से यह सहायता नहीं दी गई है, जिसे लेकर कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के तहत 40 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को पिछले एक साल से भुगतान नहीं हुआ है। जिस अनमोल आरसीएच और ई-फाइनेंस पोर्टल के जरिए सरकार इनका भुगतान करती है, वह तकनीकी दिक्कतों के चलते पिछले एक साल से भुगतान नहीं कर पा रहा है। इसलिए पिछले एक साल से इन खातों में भुगतान रुका हुआ है। 

गौरतलब है कि राज्य सरकार अपनी फ्लैगशिप योजना लाड़ली बहना सिर्फ महिलाओं के लिए चलाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में ही लाड़ली बहना के लिए 18,984 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया, लेकिन जननी सुरक्षा के लिए फंड जारी नहीं किया गया। अब इसी को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कमल नाथ ने जोरदार हमला बोला है।

कमलनाथ का सरकार पर हमला

पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने एक्स हैंडल से इस संबंध में ट्वीट कर राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा कि लाड़ली बहना योजना का ढिंढोरा पीटने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने 40 हजार से अधिक प्रसूताओं को पिछले एक वर्ष से जननी सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना का भुगतान नहीं किया है। सुरक्षित प्रसव और कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है सरकारी योजनाओं में राशि जारी नहीं करना केवल सरकारी लापरवाही नहीं बल्कि असंवेदनशीलता और अमानवीयता का भी बड़ा प्रमाण है।

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कमलनाथ ने सरकार से ये की मांग

उन्होंने आगे लिखा कि प्रसव के पश्चात पर्याप्त मात्रा में संतुलित और पोषण आहार नहीं मिलने से महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, सरकार आंख बंद करके तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए एक साल से बहनों को रूला रही है। कमलनाथ यहीं नहीं रूके उन्होंने सरकार से मांग करते हुए आगे कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि संवेदनशीलता के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान दें। पोषण आहार और स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं की मॉनिटरिंग व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखें ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही होने पर तत्काल समाधान निकाला जा सके। जननी सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना का  भुगतान नहीं करने के लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका की पड़ताल कर समुचित कार्रवाई करें।

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आवंटित किए गए 72.44 करोड़ रुपए 

कुछ दिन पहले सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों की समीक्षा के दौरान यह मुद्दा उठा भी था। इसके समाधान के लिए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने अब रोगी कल्याण समिति या गैर एनएचएम बैंक खाते से आरटीजीएस के जरिए भुगतान करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत 72.44 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस योजना के तहत राज्य सरकार 60 फीसदी और केंद्र सरकार 40 फीसदी योगदान देती है।

योजना का क्या है उद्देश्य?

दरअसल, सरकार गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद महिलाओं को दो किस्तों में 16 हजार रुपए देती है। अब तक प्रदेश में 44 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है, लेकिन इस साल राशि वितरित नहीं की गई है, जिसे लेकर कमल नाथ ने सरकार पर हमला बोला है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में कुपोषण को कम करना और महिलाओं के सुरक्षित प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराना है। बता दें कि पहली किस्त में गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था की आखिरी तिमाही तक 4 हजार रुपए और सरकारी अस्पताल में प्रसव होने पर 12 हजार रुपए मिलते हैं।

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