जबलपुर. कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर जबलपुर के सिख समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। सिख संगत, जिसमें 20 गुरुद्वारे, 16 शालाएं, 5 महाविद्यालय और अन्य सामाजिक एवं धर्मार्थ संस्थाएं शामिल हैं, ने फिल्म के खिलाफ विरोध जताते हुए केंद्र सरकार से इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है।
फिल्म के सीन कर रहे सिख समुदाय की छवि धूमिल
सिख समाज का आरोप है कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को बेहद नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे उनकी छवि को ठेस पहुंचती है। सिख संगत का कहना है कि सिख समाज ने हमेशा भारत की एकता, अखंडता और स्वतंत्रता के लिए कुर्बानियां दी हैं, और उन्हें इस तरह नकारात्मक रूप में दिखाना समाज के प्रति अन्याय है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजा नोटिस
इस विरोध को लेकर जबलपुर के सिख संगत ने 28 अगस्त 2024 को केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता नरिंदरपाल सिंह रूपराह की ओर से भेजे गए इस नोटिस में मांग की गई है कि 6 सितंबर 2024 को प्रस्तावित फिल्म का प्रदर्शन रोका जाए। उन्होंने इस फिल्म के प्रदर्शन से देश में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न होने और सिख समाज के खतरे के साथ समाज की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। नोटिस में सिख और हिंदू समाज के बीच के घनिष्ठ संबंधों का हवाला देते हुए कहा गया है कि दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। इस संदर्भ में सिख के ऐतिहासिक बलिदानों और भारतीय सेना में उनके योगदान का भी उल्लेख किया गया है।
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हाईकोर्ट में जनहित याचिका होगी दायर
28 अगस्त 2024 को गोरखपुर गुरुद्वारे में सिख समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई, जिसमें फिल्म के ट्रेलर के खिलाफ विरोध दर्ज करने का प्रस्ताव पारित किया गया। अधिवक्ता जतिनदरपाल सिंह ने बताया कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो सिख समाज मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है।
शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी भी भेज चुकी है नोटिस
इस फिल्म के विरोध में 27 अगस्त को शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी ने कंगना सहित फिल्म के निर्माता को नोटिस भेज कर पहले ही इस फिल्म के ट्रेलर को भी यूट्यूब से अलग करने के लिए कहा है।
कंगना रनौत को मिल चुकी है धमकियां
बीते दिनों कंगना रनौत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पंजाब पुलिस को ट्रैक करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया था जिसमें कुछ लोग कंगना को धमकियां देते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि, 2021 में अपनी फिल्म इमरजेंसी का ऐलान करने के साथ ही कंगना ने यह साफ किया था कि यह फिल्म इंदिरा गांधी की बायोपिक नहीं है। लेकिन अब इस फिल्म में दिखाए गए कुछ दृश्यों को लेकर सिख समुदाय में आक्रोश फैल चुका है। सिख समाज के इस विरोध ने फिल्म के निर्माताओं के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है, और अब यह देखना होगा कि क्या सरकार और फिल्म निर्माता इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देंगे।
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