मध्य प्रदेश के कटनी जिले में जीआरपी पुलिस द्वारा की गई बर्बरता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी एक महिला और 15 साल के लड़के के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए नजर आ रहे हैं। इस घटना के बाद से पुलिस की कार्यप्रणाली और राज्य की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
यह है मामला
वायरल वीडियो में जीआरपी थाना प्रभारी और कुछ अन्य पुलिसकर्मी एक महिला के बाल पकड़कर उसे बंद कमरे में पीटते और घसीटते हुए दिख रहे हैं। इसके साथ ही, एक 15 साल के लड़के को भी बेरहमी से मारा जा रहा है। यह वीडियो कथित तौर पर 10 महीने पुराना बताया जा रहा है, जिसे कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है।
पटवारी ने बीजेपी पर साधा निशाना
जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार के शासन में दलितों और पिछड़े वर्गों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना में पीड़ित महिला का पोता, 15 वर्षीय दीप राज और उसकी दादी कुसुम वंशकार को भी बुरी तरह पीटा गया। पटवारी ने इसे राजनीतिक दुर्भावना का खेल बताया और कहा कि बीजेपी दलित उत्पीड़न को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
यहां देखें वीडियो...
मध्य प्रदेश के कटनी में जीआरपी पुलिस द्वारा एक दलित बच्चे और उसकी दादी को बेरहमी से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल।
— TheSootr (@TheSootr) August 28, 2024
➡️एमपी कांग्रेस ने वीडियो शेयर करते हुए मोहन सरकार के कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल।#MadhyaPradesh #MPNews #Katni #ViralVideo #Dalit #SocialMeida… pic.twitter.com/5uIBObcCTY
हिस्ट्री शीटर का बेटा होने का पुलिस का बहाना
कटनी के जीआरपी थाना प्रभारी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि महिला का बेटा एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश है, जिसके खिलाफ 17 मामले दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों में लगातार बाधा उत्पन्न की जा रही थी। महिला और बालक को पुलिस स्टेशन पूछताछ के लिए लाया गया था। पुलिस का दावा है कि उनकी कार्रवाई कानून के दायरे में थी, लेकिन वीडियो में जो दृश्य सामने आए हैं, वे इसके विपरीत बर्बरता की ओर इशारा करते हैं।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर खड़ा हुआ सवाल
इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि राज्य सरकार की कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना की सच्चाई का पता लगाने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है ताकि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके। वहीं, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग भी उठ रही है।
कमलनाथ ने भी किया ट्वीट
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