एमपी के कटनी में राइस मिलर्स (Rice Millers) पिछले दो वर्षों से धान मिलिंग का भुगतान न मिलने के कारण नाराज हैं। उन्होंने इस वर्ष सरकार से अनुबंध न करने का निर्णय लिया है। इस बार धान खरीदी तो होगी, लेकिन उससे चावल का निर्माण नहीं हो पाएगा। राइस मिलर्स के अनुसार, उन्हें पिछले 2 वर्षों से 100 करोड़ रुपए का भुगतान फंसा हुआ है, जिसमें 2023 का 20 करोड़ और 2024 का 80 करोड़ रुपए बकाया है।
दो साल से फंसा भुगतान
कटनी जिले के राइस मिलर्स ( Rice Millers ) को 2 वर्षों से कस्टम मिलिंग ( Custom Milling) का भुगतान नहीं मिला है। 2022-23 और 2023-24 में 73 मिलर्स ने नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध करते हुए धान का उठाव किया और कस्टम मिलिंग की, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया। राइस मील संचालकों के अनुसार, वे इस पैसे के बिना मील संचालन, कर्मचारियों का भुगतान और अन्य खर्चों का प्रबंधन नहीं कर पा रहे हैं।
इस बार अनुबंध नहीं होगा
राइस मिलर्स एसोसिएशन ( Rice Millers Association ) के अध्यक्ष दीपक आसरानी (Deepak Asrani) ने कहा कि इस बार राइस मिलर्स सभी प्रकार के भुगतान और अपग्रेडेशन राशि मिलने के बाद ही मिलिंग कार्य करेंगे। मिलर्स ने शासन से बार-बार अपनी समस्याओं को उठाया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। इस कारण उन्होंने मिलिंग के लिए अनुबंध से मना कर दिया है।
100 करोड़ की मांग
कटनी के राइस मिलर्स ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) से मुलाकात का फैसला किया है। वे भोपाल में मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगों का पत्र सौंपेंगे, जिसमें अपग्रेडेशन राशि, मिलिंग भुगतान, और अन्य मुद्दे शामिल हैं। उनका कहना है कि अगर भुगतान नहीं होता है तो मिलिंग का काम नहीं किया जाएगा।
सरकारी प्रतिक्रिया फंड की कमी कारण
कटनी नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक एलके शर्मा (LK Sharma) के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से फंड की कमी के कारण 2 वर्षों से भुगतान अटका हुआ है। हालांकि, उन्होंने बताया कि हाल ही में 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और 12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने की कोशिश की जा रही है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक