MP-UP के 14 जिलों को हरा-भरा बनाएंगी केन-बेतवा, 65 लाख को मिलेगा पेयजल
मध्यप्रदेश के 10 जिलों के दो हजार से ज्यादा गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। वहीं, उत्तरप्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। ऐसे ही MP के 44 लाख तो UP के 21 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा...
Ken-Betwa project will make MP-UP Photograph: (thesootr)
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BHOPAL. राजनीति के पुरोधा और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नदी जोड़ो परियोजना का बड़ा सपना पूरा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को अटल जी की 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन-बेतबा लिंक प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने से बुंदेलखंड की तस्वीर बदल जाएगी। MP और UP के 14 जिलों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। वहीं, दोनों राज्यों के 65 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा मिलेगी।
मध्यप्रदेश के 10 जिलों के दो हजार से ज्यादा गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। वहीं, उत्तरप्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। ऐसे ही MP के 44 लाख तो UP के 21 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। उद्योगों और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ इस प्रोजेक्ट के जरिए 103 मेगावाट बिजली (जल विद्युत) और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा।
44 हजार 605 करोड़ रुपए है लागत
इस प्रोजेक्ट की लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपए है। इसमें केंद्र सरकार 90 फीसदी पैसा खर्च करेगी, जबकि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश सरकार 10 फीसदी राज्यांश देंगी। यह परियोजना भारत में सबसे बड़ी भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक मध्यप्रदेश में सिंचाई का क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाए। सरकार की योजना है कि 2028-29 तक इसे एक करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ा दिया जाए। इसके लिए कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
MP और UP के इन जिलों को होगा फायदा
केन-बेतवा लिंक परियोजना दौधन में एक विशाल बांध के निर्माण से शुरू होगी, जहां से केन नदी के अधिशेष जल को 221 किलोमीटर लंबी लिंक कैनाल के जरिए बेतवा नदी में प्रवाहित किया जाएगा। इस कैनाल के दोनों ओर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। इस प्रोजेक्ट से मध्यप्रदेश के 10 जिलों को सीधे तौर पर बड़ा लाभ होगा। इनमें छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जिला शामिल है। वहीं, उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों को सीधा फायदा होगा।
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अटल जी ने देखा था नदी जोड़ो का सपना
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने समग्र विकास और जल संकट के समाधान के लिए राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का सपना देखा था। उनका मानना था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में जल वितरण की असमानता को दूर करने के लिए नदियों को आपस में जोड़ना जरूरी है। वर्ष 2002 में वाजपेयी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी। इसके तहत रूपरेखा तैयार की गई थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद परियोजना के लिए मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के बीच 22 मार्च 2021 को त्रिपक्षीय सहमति ज्ञापन (MOA) हस्ताक्षरित किया गया था। अब 25 दिसंबर को इसका शिलान्यास हो रहा है।
क्या है केन-बेतवा परियोजना?
केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत की पहली राष्ट्रीय नदी जोड़ो योजना है। यह योजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की पानी की कमी को दूर करने के लिए बनाई गई है। परियोजना के जरिए केन नदी का अतिरिक्त पानी बेतवा नदी में पहुंचाया जाएगा। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा दौधन बांध बनाया जाएगा। बांध से पानी ले जाने के लिए 221 किलोमीटर लंबी नहर और दो सुरंगों का निर्माण होगा। बांध में 2,853 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण किया जा सकेगा।
पर्यावरण और पर्यटन को भी फायदा
इस प्रोजेक्ट के पूरे होने से पन्ना टाइगर रिजर्व में पूरे साल जंगली जानवरों को पानी मिलेगा, जिससे वहां का पर्यावरण बेहतर होगा। परियोजना से बुंदेलखंड के ऐतिहासिक चंदेल कालीन तालाबों का भी संरक्षण किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा। इस परियोजना से सिंचाई की आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होगा, जिससे किसान ज्यादा फसल उगा सकेंगे। पानी और रोजगार मिलने से लोगों का पलायन रुकेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।