यशवंत क्लब मेंबर खुशी कूलवाल, सीनियर IAS, राहुल पाटवाला, नाना पटवारी कैसे आपस में हुए लिंक

यशवंत क्लब की सदस्य खुशी कूलवाल की 2018 की सुसाइड केस फाइल फिर खुली, ड्रग्स, हाईप्रोफाइल पार्टियों और नेताओं-अधिकारियों की भूमिका पर जांच तेज।

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Sanjay Gupta
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यशवंत क्लब की मेंबर खुशी कूलवाल की सुसाइड का हाईप्रोफाइल केस सात साल बाद फिर खुल गया है। जुलाई 2018 में सुसाइड केस हुआ, कई बडे नाम जांच में आए, फिर दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार आई और जांच को खत्म कर दिया गया। इस हाईप्रोफाइल केस में न्यूयार्क सिटी टाउनशिप, राहुल पाटवाला, एमपी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई कुलभूषण उर्फ नाना पटवारी और एक सीनियर आईएएस तीनों के ही नाम उलझे हुए हैं।

नाना और पाटवाला कैसे खुशी से है लिंक

नाना पटवारी और राहुल पाटवाला दोनों अभिन्न मित्र हैं और राऊ विधानसभा के खनन व अन्य कई कामों में आपस में जुड़े हुए हैं। राहुल पाटवाला और खुशी की करीबी मित्रता रही है, आरोप है कि राहुल ही खुशी को ड्रग्स पार्टी में ले जाता था। इन्ही पार्टियों में राहुल पाटवाला के जरिए खुशी नाना के संपर्क में आई और फिर यह सभी मिलकर बायपास पर स्थित न्यूयार्क सिटी टाउनशिप में भी पार्टी में शामिल होने लगे।

पुलिस इसी भूमिका की जांच करना चाहती है कि आखिर राहुल और नाना की खुशी की सुसाइड में क्या भूमिका रही है, क्या ड्रग्स के चलते वह डिप्रेशन में आई और सुसाइड जैसा कदम उठाया। यही भूमिका की जांच पहले हो रही थी जिसे फिर सरकार बदलने के बाद दबा दिया गया। 

अब खुशी कैसे IAS से हुई लिंक

द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार इंदौर में उस समय बड़े पद पर पदस्थ रहे सीनियर आईएएस के संपर्क में खुशी इसी राहुल पाटवाला के जरिए संपर्क में आई। दरअसल राहुल और भोपाल के एक बड़े पटाखा कारोबारी दोनों आपस में करीबी मित्र है। जब वह आईएएस भोपाल से इंदौर पदस्थ हुए तो इन पटाखा कारोबारी ने आईएएस साहब और पाटवाला की मित्रता कराई।

इसके बाद पाटवाला ने साहब को खुशी से मुलाकात कराई। इसके बाद ही खुशी और आईएएस साहब के बीच में लगातार संपर्क बना रहा। फोन पर भी लगातार बातचीत जारी रही। जब सुसाइड केस हुआ और मामला उछला तब साहब ने पुलिस के इंदौर में पदस्थ आला अधिकारी की मदद ली और सीडीआर (कॉल डिटेल रिपोर्ट) बाहर नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने जांच के दौरान आईएएस को लेकर भी कोई बात नहीं की और ना ही उस दिशा में किसी तरह के बयान लिए। 

बड़े लोग नहीं चाहते किसी भी तरह की जांच हो

इस केस में अकेले यही किरदार नहीं है, कांग्रेस से बीजेपी में आए एक पूर्व विधायक के साथ ही कई हाईप्रोफाइल लोग भी इसमें शामिल है। अधिकांश ने खुशी कूलवाल को एक इंसान समझने की जगह उसके उपयोग की ही गलत मंशा रखी, कोई किसी पार्टी में ले जा रहा था तो कोई किसी अन्य शहर में घुमाने के नाम पर ले जा रहा था। किसी ने महंगे गिफ्ट दिए तो किसी ने बाहर घुमाया। लगातार की हाईप्रोफाइल पार्टी और ड्रग्स ने खुशी की हालत खराब कर दी। इन्हीं पार्टियों के चलते उसके अपने करीबी परिजनों से विवाद हुआ और इसके बाद उसने घर अपने फ्लैट में जाकर सुसाइड कर लिया। 

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सुसाइड केस क्या है

2017-18 के दौरान खुशी कुलवाल यशवंत क्लब की चर्चित हस्तियों में से एक थी, पति मयंक से तलाक का विवाद चला। बाद में तलाक हुआ। इसी दौरान कई दोस्तों ने ड्रग्स की आदत लगा दी। ड्रग्स की हाईप्रोफाइल पार्टियों में वह शामिल होने लगी। कई बड़े कारोबारी, नेता, आईएएस अधिकारी जो इंदौर में बड़े पद पर रहे वह सभी इनके संपर्क में आए। बाद में ड्रिप्रेशन में जुलाई 2018 में सुसाइड कर ली, कुछ दिन जांच चली लेकिन फिर बंद कर दिया गया। 

मंत्री विजयवर्गीय और मिश्रा ने साधा नाना पर निशाना

दरअसल यह फाइल पुलिस ने शनिवार 31 मई को फिर से खोली है, लेकिन इसकी बात बुधवार 28 मई को शुरू हो गई। कांग्रेस प्रदेशाध्य़क्ष जीतू पटवारी के भाई नाना और भरत के साथ जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव पर केस हुआ था। इसी दौरान मंत्री कैलाश विजवर्गीय मेट्रो का दौरा करने गए, वहां पर मंत्री से नाना पटवारी पर केस को लेकर मीडिया ने सवाल पूछा तो मंत्री ने कहा कि हां जमीन के केस को लेकर मुझे अभी पता चला, उनके छोटे भाई पर पहले भी बहुत सारे विषय है, पहला केस नहीं है।

इसी दौरान सुमित मिश्रा ने कहा खुशी कूलवाल...खुशी कूलवाल। इस पर मंत्री ने पूछा क्या नाम है, फिर कान में मिश्रा ने कहा खुशी कूलवाल। इस पर मंत्री ने कहा कि मैं कमर के नीचे बात नहीं करता लेकिन वहां पर एक बालिका ने आत्महत्या भी की थी, उन्हीं के भाई के नाम को लेकर मैं किसी के निजी जीवन पर आरोप नहीं लगाता, लेकिन पहले भी उनके भाई के नाम आए हैं। 

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37 साल की उम्र में की थी सुसाइड, अब क्यों उठा केस 

कूलवाल ने 37 साल की उम्र में जुलाई 2018 में होराइजन ओएसिस पार्क महालक्ष्मीनगर में अपने फ्लैट में सुसाइड कर लिया था। बड़े कारोबारी मयंक से तलाक लेने के बाद वह अलग रहने लगी थी। मामले को तब दबा दिया गया था। पुलिस को हाल ही में जानकारी मिली है कि ड्रग पैडलर सोहन उर्फ जोजो से पूर्व मंत्री का भाई जुड़ा था, जो कूलवाल से लिंक था।

जोजो पर विजयनगर में साल 2020 में ड्रग केस दर्ज हुआ, इस दौरान मेमोरेंडम में पूर्व मंत्री के इस भाई का नाम आया था, लेकिन तब कोई एक्शन नहीं लिया। अब इस पूरे केस को रिओपन किया जा रहा है। पुलिस ने उसकी सुसाइड के बाद जिम ट्रेनर प्रकाश, दोस्त कमलेश, पवन यादव, ट्रेवल एजेंट अरविंद सिंह, मित्र राहुल पाटवाला के बयान लिए लेकिन फिर जांच को दबा दिया गया।

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