यशवंत क्लब मेंबर खुशी कूलवाल का सुसाइड केस फिर क्यों खुला, मंत्री विजयवर्गीय और नगराध्यक्ष की क्या भूमिका
2017-18 में खुशी कुलवाल यशवंत क्लब की चर्चित हस्तियों में थीं। उनके पति मयंक से तलाक का विवाद चला और बाद में तलाक हुआ। इसी दौरान कई दोस्तों ने ड्रग्स की आदत बना ली। खुशी भी ड्रग्स की हाईप्रोफाइल पार्टियों में शामिल होने लगीं।
यशवंत क्लब की सदस्य खुशी कूलवाल की सुसाइड केस सात साल बाद फिर खुला है। इसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और BJP नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की भूमिका बताई जा रही है। खुशी ने जुलाई 2018 में ड्रग्स और डिप्रेशन के कारण आत्महत्या की थी।
केस क्या है
2017-18 के दौरान खुशी कूलवाल यशवंत क्लब की चर्चित हस्तियों में से एक थी, पति मयंक से तलाक का विवाद चला। बाद में तलाक हुआ। इसी दौरान कई दोस्तों ने ड्र्गस की आदत लगा दी। ड्रग्स की हाईप्रोफाइल पार्टियों में वह शामिल होने लगी। कई बड़े कारोबारी, नेता, आईएएस अधिकारी जो इंदौर में बड़े पद पर रहे वह सभी इनके संपर्क में आए। कोई गिफ्ट दे रहा था कोई बाहर घुमाने ला जा रहा था। बाद में ड्रिप्रेशन में जुलाई 2018 में सुसाइड कर ली, कुछ दिन जांच चली लेकिन फिर बंद कर दिया गया।
दरअसल यह फाइल पुलिस ने शनिवार 31 मई को फिर से खोली है, लेकिन इसकी बात बुधवार 28 मई को शुरू हो गई। कांग्रेस प्रदेशाध्य़क्ष जीतू पटवारी के भाई नाना और भरत के साथ जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव पर केस हुआ था। इसी दौरान मंत्री कैलाश विजवर्गीय मेट्रो का दौरा करने गए, वहां पर मंत्री से नाना पटवारी पर केस को लेकर मीडिया ने सवाल पूछा तो मंत्री ने कहा कि हां जमीन के केस को लेकर मुझे अभी पता चला, उनके छोटे भाई पर पहले भी बहुत सारे विषय है, पहला केस नहीं है। इसी दौरान सुमित मिश्रा ने कहा खुशी कूलवाल...खुशी कूलवाल। इस पर मंत्री ने पूछा क्या नाम है, फिर कान में मिश्रा ने कहा खुशी कूलवाल। इस पर मंत्री ने कहा कि मैं कमर के नीचे बात नहीं करता लेकिन वहां पर एक बालिका ने आत्महत्या भी की थी, उन्हीं के भाई के नाम को लेकर मैं किसी के निजी जीवन पर आरोप नहीं लगाता, लेकिन पहले भी उनके भाई के नाम आए हैं।
इस मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से भी इंदौर दौरे पर सवाल हुए तो उन्होंने कहा कि नाना पर राजनीतिक केस है, मुझ पर भी 12-15 केस है, वह होते हैं, कोई क्रिमिनल केस तो है नहीं। इस पर उनसे पूछा गया कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि नाना पटवारी के कारण एक युवती ने आत्महत्या भी की। इस पर सिंह ने कहा कि विजयवर्गीय जी सम्मानित नेता, मंत्री है, उन्होंने कुछ कहा हो तो यह उन्होंने गंभीर आऱोप लगाया है, यदि गंभीर आरोप में सच्चाई है तो फिर अभी तक उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
कूलवाल ने 37 साल की उम्र में जुलाई 2018 में होराइजन ओएसिस पार्क महालक्ष्मीनगर में अपने फ्लैट में सुसाइड कर लिया था। बड़े कारोबारी मयंक से तलाक लेने के बाद वह अलग रहने लगी थी। मामले को तब दबा दिया गया था। इसमें कांग्रेस से बीजेपी में आए एक पूर्व विधायक के साथ ही कई हाईप्रोफाइल बिजनेसमैन, इंदौर में एक बड़े पद पर रहे आईएएस का भी नाम इश घटना में उभरकर सामने आया। यह भी बात आई कि कॉल डिटेल रिकार्ड में इन सभी के नाम, नंबर आए हैं, लेकिन पुलिस ने कभी भी इसमें कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की और बाद में मामला दबा दिया गया और केस खत्म हो गया।
पुलिस को हाल ही में जानकारी मिली है कि ड्रग पैडलर सोहन उर्फ जोजो से पूर्व मंत्री का भाई जुड़ा था, जो कूलवाल से लिंक था। जोजो पर विजयनगर में साल 2020 में ड्रग केस दर्ज हुआ, इस दौरान मेमोरेंडम में पूर्व मंत्री के इस भाई का नाम आया था, लेकिन तत्कालीन टीआई ने इसमें कोई एक्शन नहीं लिया। अब इस पूरे केस को रिओपन किया जा रहा है। पुलिस ने उसकी सुसाइड के बाद जिम ट्रेनर प्रकाश, दोस्त कमलेश, पवन यादव, ट्रेवल एजेंट अरविंद सिंह, मित्र राहुल पाटनवाला के बयान लिए लेकिन फिर जांच को दबा दिया गया।
खुशी के मोबाइल में कई राज
खुशी के मोबाइल में कई राज दफन है, जो पुलिस ने काफी जाहिर नहीं किए। इसमें कई बड़े नेताओं के साथ ही हाईप्रोफाइल बड़े लोगों के साथ लगातार फोनकॉल की बात थी। तब एक सीनियर आईएएस अधिकारी का भी नाम इसमें आया था कि उनसे भी खुशी की बात लगातार होती है, लेकिन औपचारिक जानकारी कभी पुलिस ने नहीं दी। khushi koolwal indore