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MP के जबलपुर में किन्नर समाज, जो अब तक अपने पारंपरिक तौर-तरीकों, सामूहिकता और सामाजिक सौहार्द्र के लिए जाना जाता था, अब अंदरूनी धार्मिक टकराव का अखाड़ा बनता दिख रहा है। हाल ही में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किन्नर समाज की एक प्रमुख प्रतिनिधि साध्वी मनीषा दास ने चौंकाने वाले आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ मुस्लिम किन्नर संगठित तरीके से न केवल हिंदू किन्नरों को प्रताड़ित कर रहे हैं, बल्कि हिंदू घरों में धार्मिक आयोजनों के दौरान भय दिखाकर अवैध रूप से भारी भरकम रकम वसूल रहे हैं। यह घटना किन्नर समाज में एक बड़े धार्मिक और सामाजिक संकट की ओर इशारा कर रही है।
दुआ और बद्दुआ का डर दिखाकर जबरन वसूली
साध्वी मनीषा दास के मुताबिक, मुस्लिम धर्म अपना चुकीं कुछ किन्नर, जिनमें प्रमुख रूप से दिया खान और मुस्कान कुरैशी के नाम शामिल हैं। ये अपनी टोली बनाकर हिंदू बहुल इलाकों में घर-घर जाती हैं। वे नवविवाह, बच्चे के जन्म या अन्य मांगलिक अवसरों पर पहुंचती हैं और पारंपरिक बधाई देने की आड़ में लोगों को दुआ न देने या बद्दुआ देने की धमकी देकर मानसिक रूप से आतंकित करती हैं। इस डर का लाभ उठाकर वे घरों से 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की रकम वसूलती हैं। साध्वी का दावा है कि यह न केवल किन्नर समाज की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि सीधे-सीधे जबरन वसूली की श्रेणी में आता है।
धर्मांतरण के लिए हिंदू किन्नरों पर दबाव बनाने का भी आरोप
इस मामले की सबसे गंभीर बात यह रही कि मनीषा दास ने धर्मांतरण को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है। उनका आरोप है कि यह वसूली महज पैसों की लालच तक सीमित नहीं है, बल्कि उससे कहीं आगे जाकर इसे एक सुनियोजित धर्मांतरण अभियान का हिस्सा बनाया जा रहा है। उनका दावा है कि मुस्लिम किन्नर लगातार हिंदू किन्नरों को मानसिक दबाव में डालकर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए विवश कर रहे हैं।
विरोध करने पर उन्हें न केवल जान से मारने की धमकी दी जा रही है, बल्कि झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकियां भी दी जाती हैं। साध्वी का कहना है कि यदि उन्हें या उनके साथियों को किसी भी प्रकार की क्षति होती है, तो इसकी जिम्मेदारी उक्त मुस्लिम किन्नरों पर ही होगी।
हिंदू किन्नरों के वर्चस्व को बताया संकटग्रस्त
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साध्वी मनीषा दास ने एक लिखित प्रेस नोट भी जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि हिंदू किन्नरों का वर्चस्व खतरे में है। मुझे और मेरे साथी हिंदू किन्नरों को मुस्लिम किन्नरों द्वारा मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। विरोध करने पर जान से मारने और झूठे केस में फंसाने की धमकियां दी जा रही हैं। यदि हमें किसी प्रकार की क्षति होती है तो इसकी जिम्मेदार मुस्लिम किन्नर टोली होगी।
यह बयान स्पष्ट रूप से बताता है कि अब तक आपसी सहयोग और सामूहिक धार्मिक आस्था पर खड़ा किन्नर समाज आंतरिक रूप से धार्मिक टकराव और असुरक्षा की स्थिति से जूझ रहा है।
पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग, कार्रवाई की उम्मीद
प्रेस वार्ता के बाद साध्वी मनीषा दास ने अपने समर्थकों के साथ पुलिस को भी शिकायत दी है। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग करते हुए आरोपित मुस्लिम किन्नरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि अब भी इस मामले को हल्के में लिया गया, तो यह न केवल किन्नर समाज को भीतर से तोड़ देगा, बल्कि सामाजिक शांति और धार्मिक सहिष्णुता पर भी गंभीर आघात होगा। फिलहाल पुलिस ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है और मामले की प्रारंभिक जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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क्या अब किन्नर समाज भी धार्मिक ध्रुवीकरण की गिरफ्त में?
किन्नर समाज, जो अब तक जाति, धर्म और समुदाय के बंधनों से ऊपर उठकर जीवन यापन करता रहा है, अब सामाजिक ध्रुवीकरण की एक नई लहर में फंसता दिख रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह सब महज व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है, या इसके पीछे कोई गहरी और संगठित साजिश छिपी है? क्या धर्मांतरण और वसूली के आरोपों में सच्चाई है, या यह किन्नर समाज की आंतरिक सत्ता संघर्ष का नतीजा है? आने वाले दिनों में पुलिस जांच और प्रशासनिक हस्तक्षेप से ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
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