मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता गामिनी के एक शावक की इलाज के दौरान मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शावक की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। इसका इलाज भी किया जा रहा था, लेकिन बहुत प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। सोमवार, 5 अगस्त को शावक ने दम तोड़ दिया है। इसकी पुष्टि कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने की है।
गामिनी ने 10 मार्च को 6 शावकों को दिया था जन्म
दक्षिण अफ्रीका से आई चीता गामिनी ने इसी साल 10 मार्च को 6 शावकों को जन्म दिया था। ज्यादातर एक मादा चीता 4 से 5 शावकों को ही जन्म देती है। 4 जून को गामिनी के एक शावक की मौत हो गई थी। इसके बाद बताया गया था कि बाकी 5 शावक स्वस्थ हैं, लेकिन अब एक और शावक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि शावक की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ था। जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उसका इलाज भी किया जा रहा था, लेकिन इस दौरान उसने दम तोड़ दिया।
नामीबिया से 8 चीते मंगवाए थे
17 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने चीता प्रोजेक्ट में नामीबिया से 8 चीते भारत मंगवाए थे। भारत में बड़ी बिल्लियों की यह प्रजाति पूरी तरह से लुप्त हो चुकी है। इसलिए इन चीतों को फिर से बसाने के लिए यह पहल की गई थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी चीते मंगवाए गए थे। दक्षिण अफ्रीका से कुल 12 चीते लाए गए थे। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में कुल चीतों की संख्या 20 हो गई थी। अभी तक यहां कुल सात वयस्क और 5 शावकों की मौत हो चुकी है।
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