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Photograph: (the sootr)
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले की ग्राम पंचायत सिंगपुर की सरपंच भारती मनोज राय एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन पर आरोप लगा है कि उन्होंने लाड़ली बहना योजना (Ladli Behen Yojana) का लाभ अवैध तरीके से लिया, जबकि उनके पास 40 एकड़ कृषि भूमि और करोड़ों की संपत्ति है। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह मुद्दा केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि योजना में पारदर्शिता और इसके दुरूपयोग से भी जुड़ा हुआ है।
दो साल से सरपंच ले रही लाड़ली बहना योजना का लाभ
सरपंच भारती मनोज राय पर यह आरोप है कि वह दो वर्षों से लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही हैं। हालांकि, इस योजना के लिए पात्रता के कड़े मानदंड हैं, जिसमें 2.5 लाख से कम वार्षिक आय और 5 एकड़ से कम कृषि भूमि होने की शर्त है। लेकिन राय परिवार के पास यह दोनों ही शर्तें पूरी नहीं होतीं। अपात्र होने के बावजूद उन्होंने यह लाभ लिया, जो नियमों के उल्लंघन के तौर पर देखा जा सकता है।
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सीईओ ने जांच के आदेश दिए
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सुजान सिंह रावत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग एमपी को जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। सीईओ रावत ने कहा कि जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि आवेदन कब किया गया, कौन पात्र था, और किसने स्वीकृति दी।
लाड़ली बहना के 1250 का लालच ले डूबेगा सरपंची!
इस मामले में जिला पंचायत सीईओ ने जांच के आदेश दिए है। साथ ही योजना में सरपंच को इस योजना का पात्र नहीं माना गया है, ऐसे में महिला सरपंच के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई हो सकती है। यदि ऐसा हुआ था महिला सरपंच को पद से पृथक किया जा सकता है। ऐसे में लाड़ली बहना के 1250 रूपए के लालच में महिला सरपंच मालती राय अपनी सरपंची से भी हाथ धो सकती है।
लाड़ली बहना योजना के इस फर्जीवाडे़ को ऐसे समझें IN SHORT मेंलाड़ली बहना योजना में गड़बड़ी: सिंगपुर की सरपंच भारती मनोज राय पर आरोप है कि उन्होंने लाड़ली बहना योजना का पैसा अवैध तरीके से लिया, जबकि उनके पास 40 एकड़ कृषि भूमि और करोड़ों की संपत्ति है। जांच के आदेश: जिला पंचायत सीईओ ने महिला एवं बाल विकास विभाग को जांच के आदेश दिए हैं। जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि आवेदन कब किया गया और कौन पात्र था। सरपंच के खिलाफ कार्रवाई: पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत अगर आरोप सही साबित होते हैं तो सरपंच को पद से हटाया जा सकता है। राजनीतिक कनेक्शन: सरपंच के पति, मनोज राय, भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष हैं, और इस राजनीतिक कनेक्शन के कारण आरोप है कि योजना का गलत फायदा लिया गया। पारदर्शिता की आवश्यकता: इस मामले ने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की आवश्यकता जताई जा रही है। |
राजनीतिक पहुंच से लाभ लेने का आरोप
इस पूरे मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सरपंच भारती राय के पति, मनोज राय, भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष हैं और नलकूप खनन व्यवसायी भी हैं। इस राजनीतिक कनेक्शन के चलते आरोप है कि उन्होंने अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाया और योजना का गलत फायदा लिया। ऐसे मामलों में प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता की जरूरत है।
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जनपद सीईओ ने कहा आदेश नहीं मिले अबतक
इस मामले में एक ओर जहां जिला पंचायत सीईओं रावत पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के बाद सरपंच से वसूली की बात कह रहे है तो दूसरी ओर जनपद पंचायत सीईओ रीना कुमारियां को मामले में अभी तक आदेश नहीं मिले है। उन्होंने कहा कि अभी तक वरिष्ठ अधिकारियों से मामले में कोई आदेश नहीं मिले है, जैसे ही आदेश प्राप्त होंगे, पूरे मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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लाड़ली बहना योजना क्या है?
लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई योजना है। इसकी शुरुआत 28 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना इस योजना का मुख्य मकसद है।
योजना के तहत महिलाओं को राज्य सरकार की ओर से हर महीने 1000 रुपये दिए जाते थे, लेकिन रक्षाबंधन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस राशि में 250 रुपए की बढ़ोतरी कर दी थी। अब इस योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए मिलते हैं।
योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित लाड़ली बहना योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सहायता प्रदान करना है। इस योजना के लिए वो महिलाएं पात्र हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम है। साथ ही, उसके परिवार का कोई भी सदस्य टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए। योजना में यह भी प्रावधान है कि परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा, पात्रता मानदंड में यह भी शामिल है कि परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि लाभ उन महिलाओं तक पहुंचे जिन्हें वास्तव में वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। इस योजना के हालिया अपडेट में अब 21 वर्ष और उससे अधिक आयु की अविवाहित महिलाओं को भी शामिल किया गया है।
लाड़ली बहना योजना के लिए पात्रता
इस योजना के लिए आवेदक को मध्य प्रदेश का निवासी होना जरूरी है। आवेदक महिला अविवाहित या विवाहित हो सकती है। विवाहित महिलाओं में विधवा, और तलाकशुदा महिलाएं भी शामिल हैं। जिस साल आवेदन किया जाए, उस साल 1 जनवरी को आवेदक की उम्र 21 वर्ष पूरी हो चुकी होनी चाहिए और अधिकतम उम्र 60 वर्ष से कम होनी चाहिए।
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