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मध्य प्रदेश में चल रही लाड़ली बहना योजना महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने माना कि इस योजना का आर्थिक भार सरकार पर बढ़ रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अपनी आय के साधन बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि योजना सुचारू रूप से चलती रहे। आपको बता दें कि सीएम मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में अपनी सरकार का एक साल पूरा होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बोला है।
आर्थिक चुनौतियों का सामना
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस योजना की शुरुआत हुई थी, तब आलोचक इसे असंभव बताते थे। उन्होंने कहा, यह सच है कि योजना का वित्तीय भार सरकार पर है, लेकिन हमने आय के साधनों को मजबूत करने की दिशा में काम किया है। आय बढ़ने से हम अपनी योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित कर रहे हैं।
आय के साधनों पर सरकार का फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार अपनी आय के साधनों में वृद्धि करने के प्रयास कर रही है, ताकि लाड़ली बहना योजना का संचालन हमारे सामर्थ्य के अनुसार हो सके। बहनों से जुड़ी कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी।
महिला सशक्तिकरण पर सरकार का रिपोर्ट कार्ड
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर प्रेस वार्ता में महिला सशक्तिकरण की योजनाओं पर रिपोर्ट कार्ड पेश किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 26 लाख बहनों को गैस रिफिलिंग के लिए 450 रुपये और 1 करोड़ 29 लाख बहनों को 19 हजार 212 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है।
योजना का ऐतिहासिक महत्व
यह योजना सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू की थी। उन्होंने महिलाओं से वादा किया था कि इस योजना के तहत हर माह की राशि को 3,000 रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा जाएगा।
लाड़ली बहना योजना का भविष्य
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सरकार बहनों की योजनाओं को न केवल जारी रखेगी, बल्कि इन्हें और अधिक मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता अडिग है और इसे आगे भी निरंतर जारी रखा जाएगा।
विपक्ष के आरोपों पर जवाब
विपक्ष ने कई बार आरोप लगाया है कि सरकार इस योजना को बंद करना चाहती है। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन दावों को खारिज करते हुए भरोसा दिलाया कि यह योजना बंद नहीं होगी और निरंतर जारी रहेगी।
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