Ladli Behna Yojana : लाड़ली बहनों को बड़ा झटका, योजना से कट गए हजारों महिलाओं के नाम
लाड़ली बहना योजना, एमपी सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें 60 वर्ष तक की महिलाएं हर महीने 1250 रुपए की सहायता प्राप्त करती हैं, लेकिन अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है।
MP News: लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता देना है। इस योजना के तहत, 60 वर्ष तक की महिलाएं हर महीने 1250 रुपए की राशि दी जाती है। लेकिन जैसे ही उनकी उम्र 60 वर्ष को पार करती है, उन्हें वृद्धावस्था पेंशन के तहत 600 रुपए ही मिलते हैं। इस योजना में अब उन महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है, जो 60 वर्ष से ऊपर हो चुकी हैं या जिनके नाम अन्य कारणों से हटा दिए गए हैं।
इस कारण काटा गया नाम
2025 में लाड़ली बहना योजना में बदलाव हुए हैं, जिसके कारण छिंदवाड़ा जिले (CHHINDWADA) की 10 हजार 963 महिलाएं योजना से बाहर हो गईं। इन महिलाओं को अब 1250 रुपए मासिक राशि के लाभ से वंचित कर दिया गया है। अब केवल 3,92,912 महिलाएं ही इस योजना में बनी हुई हैं। इसमें 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं शामिल हैं।
संख्या कम होने के कारण
अपात्र महिलाओं की संख्या: 690 महिलाएं अपात्र हो गईं।
लाभ परित्याग करने वाली महिलाएं: 890 महिलाओं ने योजना से लाभ लेने का त्याग (नाम वापस) लिया है।
मृत महिलाओं की संख्या: 646 महिलाएं जनकी मृत्यू होने की वजह से वे योजना से बाहर हो गईं।
समग्र से डिलीट नाम: 426 महिलाओं के नाम समग्र से हटा दिए गए।
आधार से समग्र डि-लिंक महिलाएं: 505 महिलाओं का आधार से समग्र का लिंक टूट गया।
60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं: 10963
कुल पात्र महिलाएं : 392912
लाड़ली बहना योजना पर
लाड़ली बहना योजना में हर महीने लगभग 47 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना के माध्यम से महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं और अपने परिवार का बेहतर समर्थन कर सकती हैं। इसके अलावा, योजना महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के लिए आवश्यक संसाधनों की जरूरत पूरी करती है।
2023 के विधानसभा चुनावों से पहले लाड़ली बहना योजना में 4.15 लाख पंजीकरण हुए थे। लेकिन, इसके बाद 8 हजार महिलाओं के नामों को स्वीकृति नहीं मिल सकी, और 4 लाख 7 हजार पात्र महिलाओं के आवेदन स्वीकार किए गए। बाद में अपात्र, साठ वर्ष की आयु पार कर चुकी, मृत और समग्र से डिलीट हो चुकी महिलाओं के नाम हटा दिए गए।