खंडवा जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना ( ladli laxmi yojana ) एक महिला के लिए मुश्किल में बदल गई, जब उसकी गुजारा भत्ता पाने की कहानी ने कोर्ट को एक नया मोड़ ले लिया। यह मामला एक महिला की दूसरी शादी और उसके पहले पति से भरण पोषण की सच्चाई छिपाने से जुड़ा है। जिसे महिला ने कोर्ट को धोखे में रखा।
पहली शादी और कुटुंब न्यायालय का आदेश
दरअसल सोनू नाम की महिला की शादी सीहोर के संदीप किरार से हुई थी। शादी के कुछ साल बाद 2018 में दोनों के बीच विवाद हुआ और वे अलग हो गए। इसके बाद, सोनू ने खंडवा कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के लिए आवेदन दिया, जिसके तहत कोर्ट ने संदीप को हर महीने 2500 रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। संदीप ने करीब पांच साल तक इसे पालन किया, लेकिन इस बीच सोनू के जीवन में एक बड़ा मोड़ आ गया।
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सोनू ने बिना तलाक लिए कर ली दूसरी शादी
सोनू ने संदीप से अलग होने के बाद 2020 में नरेन्द्र प्यारेलाल नाम के व्यक्ति से बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली। हैरानी की बात तो ये है कि दूसरी शादी करने के बाद भी सोनू अपने पहले पति संदीप से भरण पोषण लेती रही। उसने संदीप से अपनी दूसरी शादी के बारे में नहीं बताया था। इस पूरी बात का खुलासा तब हुआ, जब सोनू की दूसरी शादी से एक बेटी हुई और उसने लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ उठाना शुरू किया।
कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
जब संदीप को इस धोखे का पता चला, तो उसने सभी सबूतों के साथ कुटुंब कोर्ट में याचिका दायर की। संदीप ने कोर्ट को बताया कि सोनू ने तलाक के बिना दूसरी शादी कर ली और इसके बावजूद वह गुजारा भत्ता ले रही थी। इस मामले में जुटाए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने सोनू के भरण पोषण के पूर्व आदेश को रद्द कर दिया।
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