संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया के केस को लेकर हाईकोर्ट इंदौर ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अहम बात कही कि वह इसे अब डे टू डे (दिन-प्रतिदिन) के आधार पर सुनेंगे। अभी फिनिक्स कंपनी से जुड़ी एफआईआर क्रमांक 526 से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई शुरू की गई है। सोमवार को फिर सुनवाई होगी।
इस शिकायत में यह सभी आरोपी
क्राइम ब्रांच और लसूडिया थाने में दर्ज एफआईआर में रितेश उर्फ चंपू अजमेरा के साथ ही चिराग शाह भी आरोपी है। साथ ही अन्य आरोपी भी शामिल है। इससे जुड़ी याचिकाओं में पवन अजमेरा, सोनाली अजमेरा, नीलेश अजमेरा, पंकज भंडारी, जितेंद्र (हैप्पी) धवन, योगिता अजमेरा, अरूण मंधवाल, निकुल कपासी सभी लिंक है। कुल 17 याचिकाएं सुनवाई पर है।
सोनाली तो लंदन में हैं, वह कभी आई ही नहीं
सोनाली अजमेरा के अधिवक्ता ने उनका पक्ष रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी को नवंबर 2021 में जमानत दी थी। हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में भी सोनाली को लेकर कुछ नहीं पाया गया और न ही एफआईआर में उन्हें लेकर गंभीर मामला है। जब शिकायत हुई 15 जुलाई 2009 को तो वह डायरेक्टर भी नहीं थी, वह केवल 7 माह डायरेक्टर रही। अभी वह लंदन में हैं उनके बच्चे वहां पढ़ते हैं।
शासकीय अधिवक्ता ने कहा जांच में कोई सहयोग नहीं किया
उधर शासकीय अधिवक्ता ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी आधार पर जमानत दी थी कि वह जांच में सहयोग करेंगी और पीड़ितों के केस के निराकरण में भी, लेकिन जमानत के बाद वह कभी भी कमेटी के सामने नहीं आई और किसी तरह का सहयोग नहीं किया। भले ही एफआईआर कराने वाली पीड़िता से समझौता हुआ, लेकिन इस आधार पर एफआईआर क्वेश नहीं हुई। इसमें कई लोगों की भूमिका है। यह कह देना कि डायरेक्टर नहीं थी, सही नहीं क्योंकि इन्होंने पार्ट पेमेंट लिया, अलॉटमेंट लैटर लिए, सौदे के समय मौजूद रही। इनका तरीका यही था डायरेक्टर रहे और फिर हट जाओ। ऐसे में राहत नहीं दी जा सकती है, जमानत निरस्त होना चाहिए। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को तारीख लगा दी है।