भूमाफिया चंपू ने हाईकोर्ट के रिटायर जज की कमेटी को भी नही बख्शा, दूसरे की जमीन पर पीड़ित को प्लॉट दिलवाया

फिनिक्स कॉलोनी के पीड़ित हरीश कुमार बजाज ने रिटायर जस्टिस श्रीवास्तव की कमेटी के सामने अपनी शिकायत रखी थी। इसमें था कि फिनिक्स कंपनी में प्लाट बुक कराया था, इसकी रजिस्ट्री रजत बोरा ने सितंबर 2015 में कर दी थी। 

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Sandeep Kumar
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संजय गुप्ता @ INDORE. भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा पर जमीन धोखाधड़ी के दर्जन भर केस होने और सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) से सशर्त जमानत होने के बाद भी वह अपनी धोखेबाजी से बाज नहीं आ रहा है। अब इसने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले और हाईकोर्ट इंदौर के आदेश से हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस ईश्वर सिंह श्रीवास्तव ( Justice Ishwar Singh Srivastava ) की बनी कमेटी को ही धोखा दे दिया है। यह कमेटी तीन विवादित कॉलोनी फिनिक्स, सेटेलाइट और कालिंदी के पीड़ितों के निराकरण के लिए गठित हुई थी। 

यह किया चंपू ने खेल

फिनिक्स कॉलोनी के पीड़ित हरीश कुमार बजाज ने रिटायर जस्टिस श्रीवास्तव की कमेटी के सामने अपनी शिकायत रखी थी। इसमें था कि फिनिक्स कंपनी में प्लाट बुक कराया था, इसकी रजिस्ट्री रजत बोरा ने सितंबर 2015 में कर दी थी। लेकिन कब्जा नहीं दिया। इसके बाद कमेटी के आदेश पर इस केस का आपसी सहमति से निराकरण हुआ और बजाज को 10 जुलाई 2023 में प्लाट नंबर 388 का कब्जा दे दिया। बजार ने प्लाट पर कब्जा कर लिया और वहां फोटो भी खींचे और लिख भी दिया हाईकोर्ट के आदेश से कब्जा प्राप्त। यह सहमति पत्र बन गया और इस पर खुद रिटायर जस्टिस व कमेटी प्रमुख श्रीवास्तव के हस्ताक्षर है। 

यह जमीन ही चंपू ने कभी खरीदी ही नहीं

बजाज इस कब्जा को मिलने के बाद निश्चिंत हो गए। लेकिन कुछ दिन पहले उन्हें लसूडिया थाने से नोटिस आ गया कि आपने क्लासिक गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीन पर कब्जा किया। इसके लिए संस्थआ के सीएस त्यागराजन ने थाने में शिकायत की है। इस प्लाट पर आप निर्माण करा रहे हैं। इसे लेकर थाने में बयान देने के लिए आइए। थाने में जाकर बजाज ने बताया कि उन्हें तो जस्टिस की कमेटी ने ही कब्जा दिया है और हाईकोर्ट से मान्य है। वहीं उन्हें थाने वालों ने बताया कि यह जमीन कभी चंपू ने खरीदी ही नहीं और यह जमीन तो संस्था की है। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सशर्त जमानत पर है चंपू

जमीन धोखाधड़ी के चल रहे केस के चलते चंपू, हैप्पी धवन व अन्य भूमाफिया जेल में रहे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और वहा नवंबर 2021 में सशर्त जमानत दी गई कि वह तीनों कॉलोनियों के पीड़ितों का निराकरण करेंगे। जिला प्रशासन की कमेटी बनी और निराकरण के प्रयास हुए, रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पुटअप हुई इसके बाद वहां से मामला हाईकोर्ट को भेज दिया गया। लेकिन फरवरी 2023 में हाईकोर्ट में जिला प्रशासन ने बताया कि भूमाफियाओं ने सपोर्ट नहीं किया और केस पूरे निराकरण नहीं हुए हैं। 

हाईकोर्ट ने मई 23 में रिटायर जस्टिस श्रीवास्तव की कमेटी बना दी, इसमें जुलाई तक सुनवाई चली और कुछ लोगों को आपसी सहमति से प्लाट पर कब्जा मिल गया। इसमें से एक बजाज भी थे। कुछ लोगों को चेक, डीडी देने की बात हुई, लेकिन यह सारे वादे अधूरे रह गए। कमेटी की रिपोर्ट अगस्त 2023 में हाईकोर्ट में पुटअप हुई और अब हाईकोर्ट में कॉलोनीवाइज दर्ज एफआईआर को लेकर सुनवाई जारी है। वहीं भूमाफिया सारे खेल करने के बाद भी सशर्त जमानत पर है। हालांकि प्रशासन ने इन सभी की जमानत रद्द करने का आवेदन दिया है क्योंकि इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट की अहम शर्त कि यह सभी पीड़ितों का निराकरण करेंगे वह नहीं किया है। इस तरह शर्त का उल्लंघन करने के कारण जमानत रद्द होना चाहिए। अभी इस पर सुनवाई जारी है।

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