भू अभिलेख अधिकारी संघ ने मंत्री करण सिंह को दिया 6 सूत्रीय मांग पत्र

मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा है कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में मध्यप्रदेश का स्थान देश के अव्वल प्रदेशों में है। अब हमारा यह प्रयास है कि इंदौर जिले को भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के क्षेत्र में प्रदेश में अव्वल बनाया जाए।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
Land Records Officers
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

INDORE. राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा मंगलवार को इंदौर में थे। इस दौरान उन्होंने राजस्व कामों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मंत्री ने कहा कि राजस्व कामों में तेजी लाए जाए और किसी भी तरह की शिकायतें नहीं आना चाहिए। इस दौरान भू अभिलेख अधिकारी संघ ने उन्हें 6 सूत्री मांग पत्र दिया। इसमें वेतन विसंगति दूर करने, राजपत्रित दर्जा देने, वाहन उपलब्ध कराने, संघ को मान्यता देने व अन्य मांगे थी।

Minister Karan Singh

इंदौर में यूरेशियन बैठक... मनी लांड्रिंग-आतंकवाद को लेकर बनेगी रणनीति

भू अभिलेख अधिकारी संघ ने यह रखी मांग

1-सहायक अधीक्षक भू अभिलेख पद को राजपत्रित किए जाने की मांग लंबे समय से लंबित है। पूर्व में राजस्व मंत्री व प्रमुख सचिव दवार इस संबंध में आश्वासन दिया गया था। नायब तहसीलदार और सहायक अधीक्षक भू अभिलेख दोनों समकक्ष पद है। दोनों को ही एक साथ राजपत्रित करने की मांग की गई थी लेकिन नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित श्रेणी दो में कर दिया गया पर सहायक अधीक्षक भू अभिलेख को नहीं किया गया। इसके चलते दो समकक्ष पद होने के बाद भी दनों के बीच में अंतर आ गया है। जिले में 47 सहायक अधीक्षक नायब तहसीलदार के रूप में भी काम कर रहे हैं, लेकिन राजपत्रित श्रेणी को लेकर भिन्नता आती है।

2-वेतनमान में भी विसंगति दूर नहीं की गई है। अधीक्षक भू अभिलेख ग्रेड में 4200 रुपए व सहायक अधीक्षक का 3600 रुपए है जो मप्र में समकक्ष पदों की तुलना में काफी कम है।

3-स्थाई पदोन्नति को भी बहाल किया जाए। इस पर अभी तक शासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

4-वाहनों की भी कमी है। अधिकांश वाहन कंडम हो गए हैं, जिसके चलते जिलों में राजस्व कामों में दौरा करने में समस्या आती है। नायब तहसीलदार को एक वाहन उपलब्ध है। एसएलआर व एएसएलआर को भी यह वाहन उपलब्ध कराए जाएं। 

5-संविलियन का काम बाकी है। भू अभिलेख अधिकारी संवर्ग राजस्व विभाग के तहत एक ही राजस्व अधिकारियों का संवर्ग है। जिसमें एसएलआर, एएसएलआर आते हैं और तहसीलदार व नायब तहसीलदार के समकक्ष होते हैं।

6-संघ को भी मान्यता दी जाए। यह साल 2004 में बना था। बने हुए 20 साल हो चुके हैं, इसे मान्यता नहीं दी गई है। संघ के कार्यालय के लिए भोपाल में भवन की भी जरूरत है, वह भी दिया जाए।

समीक्षा बैठक में यह बोले मंत्री

मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा है कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में मध्यप्रदेश का स्थान देश के अव्वल प्रदेशों में है। अब हमारा यह प्रयास है कि इंदौर जिले को भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के क्षेत्र में प्रदेश में अव्वल बनाया जाए। इंदौर जिले में औसत रूप से अब तक 87 प्रतिशत से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में राजस्व महा अभियान 3.0 शुरू किया गया है। इंदौर के रेसीडेंसी में जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों की बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक उषा ठाकुर, कलेक्टर आशीष सिंह सहित सभी अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे। 

राजस्व कामों में देरी नहीं चलेगी

मंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही, लेतलाली तथा किसी भी प्रकार की त्रुटि अक्षम्य है। लापरवाही, लेतलाली तथा ऋटि करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण हर हाल में समय सीमा में सुनिश्चित किया जाए। राजस्व प्रकरणों का निराकरण किसानों एवं भूधारकों के हित से जुड़ा हुआ विषय है। राजस्व प्रकरणों के निराकरण और राजस्व संबंधी अन्य कार्यों के लिए किसी को भी परेशान नहीं होना पड़े। बाद में कलेक्टर ने भी राजस्व कामों की अलग से समीक्षा बैठक ली।

Thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मंत्री करण सिंह वर्मा मध्य प्रदेश इंदौर न्यूज एमपी हिंदी न्यूज भू अभिलेख