BHOPAL. मध्य प्रदेश के सागर में दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत के बाद सरकार की कार्रवाई पर सियासत शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एसपी को हटाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की ये कार्रवाई सस्ती लोकप्रियता वाली है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी काम पर ही नहीं उसको घटना में कैसे जिम्मेदार मान लिया गया। दरअसल, मामले में मुख्यमंत्री ने एसपी, कलेक्टर और एसडीएम को हटाया था। सरकार ने जिस पुलिस अधीक्षक को हटाया है, वे 15 दिन की छुट्टी पर गए हुए हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर लिखा कि बीजेपी सरकार के फैसलों का तो भगवान ही मालिक है, उन्होंने इसे सस्ती लोकप्रियता वाला फैसला बताया है। जो अधिकारी काम पर ही नहीं उसको घटना में कैसे जिम्मेदार मान लिया गया। सरकार को उन अधिकारियों के गिरेबान पकड़ना था, जो इस घटना के लिए सीधे जिम्मेदार हैं। उनको सजा तो नहीं देना थी, जो छुट्टी पर विदेश में हैं।
क्या है मामला
पूरा मामला सागर के शाहपुर का है। यहां मकान की दीवार ढहने से 9 बच्चों की मौत हो गई थी। मामले में सरकार कार्रवाई करते हुए एसपी अभिषेक तिवारी, कलेक्टर दीपक आर्य और एसडीएम संदीप सिंह को हटा दिया था।
मामले में सामने आया कि एसपी अभिषेक तिवारी 15 दिन से छुट्टी मनाने के लिए विदेश में गए हुए हैं। वे पिछले 5 महीने से तबादला चाह रहे थे। राज्य सरकार उन्हें रिलीव नहीं कर रही थी, केंद्र में प्रतिनियुक्ति का आदेश जारी होने के बाद भी सरकार उन्हें रोके हुए थे।
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सरकार ने अप्रूव की थी एसपी की छुट्टी
बता दें कि अभिषेक तिवारी 2013 बैच के IPS अधिकारी हैं, मार्च 2024 में उन्हें नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (एनटीआरओ) में प्रतिनियुक्ति मिली थी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें गृह विभाग ने रिलीव नहीं किया। रविवार को सागर की घटना के बाद देर रात उन्हे पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय भेजा गया है।
हैरानी बात यह है कि सरकार ने ही 27 जुलाई से 8 अगस्त तक एसपी की छुट्टी अप्रूव कर दी थी, वे अनुमति के बाद ही परिवार के साथ निजी यात्रा पर अमेरिका में हैं। सागर एसपी का प्रभार एडिशनल एसपी डॉ. संजीव उइके के पास था।
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