धार के शराब ठेके से रमेश राय, सूरज रजक, पिंटू, रिंकू, नन्हे सभी बाहर

धार जिले में शराब ठेकों को लेकर इस बार बड़े और नामी ठेकेदारों के साथ बड़ा खेल हो गया। आबकारी विभाग द्वारा लागू किए गए लॉटरी सिस्टम में स्थानीय ठेकेदार उम्मीद लगाए बैठे थे कि जिला टूटेगा... पढ़ें पूरी खबर द सूत्र पर

author-image
Sanjay Gupta
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

आबकारी यानी शराब ठेके की नजर से अहम जिले में शामिल धार में बड़े और नामी ठेकेदारों के साथ खेला हो गया है। यह जिले टूटने की आस में ही बैठे रहे और पर्दे के पीछे देवास के ठेकेदार ने 20 फीसदी अधिक राशि देकर लॉटरी सिस्टम में पूरा धार जिला उठा लिया। माना जा रहा है कि इस ठेकेदार के साथ पर्दे के पीछे कई रसूखदारों को सपोर्ट है।

खबर यह भी...शराब ठेकेदारों ने धार, झाबुआ, अलीराजपुर का ठेका नहीं उठाया, इंदौर में लिए चुनिंदा ठेके

इन्होंने लिया 475 करोड़ में ठेका, यह बाहर हुए

धार जिले के लिए पुराना ठेका 396 करोड़ रुपए था इसमें सरकारी आबकारी नीति के तहत 20 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 475 करोड़ रुपए चाहिए था। अभी यह ठेका सूरज रजक, रमेश राय व उनके साथियों के पास पर था। इस जिले पर पहले पिंटू भाटिया, एके सिंह का प्रभुत्व था। लेकिन यह सभी धरे रह गए। यह ठेकेदार उम्मीद में थे कि जिला टूटेगा तो कम दाम में कुछ ग्रुप ले लेंगे। लेकिन श्रीशारदुले रिटेल एंड ट्रेडिंग सर्विस एल.एल.पी इन्‍दौर ने यह ठेका ले लिया। यह गौरव जायसवाल, विकास जायसवाल, सिदार्थ बंते यादव व अन्य की कंपनी है जो देवास, इंदौर के हैं। 

उधर इंदौर में हो गया राजस्व का काम 

उधर इंदौर में जिला प्रशासन और आबकारी को बड़ी राहत मिली है। 80 फीसदी से ज्यादा दुकान 20 फीसदी से अधिक राजस्व पर रिन्यू हो गई और लक्ष्य पूरा हो गया। इंदौर में 83 फीसदी दुकान रिन्यू होने से 1476 करोड़ का राजस्व तय हो गया है, बाकी बचे लक्ष्य 304 करोड़ को पूरा करने के लिए 4 मार्च से टेंडर प्रक्रिया होगी। पहले चरण में 65 फीसदी दुकान रिन्यू हुई थी और अब दूसरे चरण में कुछ और ठेके रिन्यू हो गए। जिले की 172 में से 139 दुकान और 64 में से 51 ग्रुप रिन्यू हो चुके हैं। मेजर इलाकों के ठेके जा चुके हैं। 

खबर यह भी...

अवैध कॉलोनियों में बेचे 50 करोड़ के अवैध प्लॉट, इंदौर प्रशासन ने 11 पर फिर कराई FIR

अभी भी झाबुआ, अलीराजपुर नहीं गया

उधर गुजरात से लगे हुए झाबुआ और अलीराजपुर के ठेके अभी तक नहीं गए हैं। गुजरात से लगे झाबुआ जिले का पूरा ठेका अभी गुरुकृपा बायोफ्यूल ने 214 करोड़ में लिया था। कागजों पर नीरज कुमार, संदीप जुनेजा, ओम पुरोहित का नाम है लेकिन असल में यह एके सिंह, पिंटू भाटिया, अल्केश बाकलिया का है। बाकलिया गुजरात में अवैध शराब लाइन डिस्ट्रीब्यूशन का माहिर खिलाड़ी है। रिन्यू पॉलिसी से यह करीब 250 करोड़ रुपए का है। वहीं अलीराजपुर में गुरुसिंघ सभा के पूर्व प्रधान रिंकू उर्फ मनजीत सिंह भाटिया सक्रिय रहे हैं। खालसा एंड कंपनी ने पूरा ठेका अभी 98 करोड़ में उठा लिया था। बाद में यह ठेका उन्होंने पेटी कांट्रेक्ट करते हुए अन्य शराब ठेकेदार और उनके रिश्तेदार आबकारी अधिकारी को पर्दे के पीछे पेटी से दे दिया। इस जिले को अब 120 करोड़ में दिया जा रहा है। गुजरात लाइन के लिए यह जिला अहम है। ऐसे में अभी अधिक राशि फंसाने की जगह शराब के खिलाड़ी इसके टूटने का और ग्रुप में दुकान लेने के इंतजार में है, जिससे कम दाम में जिला मिल जाए।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

झाबुआ मध्य प्रदेश Indore News MP News धार मध्य प्रदेश समाचार