मध्य प्रदेश के महेश्वर जिले में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म शताब्दी वर्ष पर मंत्री परिषद की बैठक होगी। जिसका ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर में शोध पीठ स्थापित की जाएगी। इसके अलावा देवी अहिल्या से जुड़ी ऐतिहासिक सामग्री के संकलन के लिए अभियान चलाया जाएगा।
महापुरुषों के नाम पर अब बटालियनों के होंगे नाम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बटालियनों का नाम महापुरुषों के नाम पर रखने के निर्देश दिए। डॉ. यादव ने सुशासन भवन में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के आयोजन के लिए गठित समारोह समिति की बैठक को संबोधित किया। बैठक में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय मौजूद थे। इनके अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव वीरा राणा सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक में समिति के सदस्यों ने आयोजन के लिए अपने विचार सीएम के सामने रखे।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर प्रसिद्ध तीर्थों और धार्मिक स्थानों में मंदिर, घाट, कुंए और बावड़ियों का निर्माण कराया था।
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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहिल्याबाई का बड़ा रोल
सीएम मोहन यादव ने देवी अहिल्याबाई के गुणों को याद करते हुए कहा कि उनके धार्मिक गुणों की छाप भारतीय जनमानस में अमिट है। अहिल्याबाई ने विधवा विवाह को प्रोत्साहित कर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बहुत काम किया। उन्होंने स्थानीय महिलाओं को माहेश्वरी साड़ियों के निर्माण से जोड़कर महिलाओं के लिए एक नई राह स्थापित की, ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर समारोह आयोजित करने के साथ ही उनके व्यक्तित्व के अन्य कार्यों को याद किया जाएगा। देवी अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ी जानकारियों को स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर साझा किया जाएगा।
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