50 दिन में 280 करोड़ की शराब और कैश पकड़ा, 2 लाख 73 हजार हथियार थानों में पहुंचे

लोकसभा चुनाव के लिए आचार सहिंत लगने के बाद से अब 2 हजार 485 किलो सोना और चांदी सहित 280 करोड़ की जब्ती की जा चुकी है। मध्‍य प्रदेश में एक और चरण के लिए मतदान होना बाकी है।

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Marut raj
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भोपाल. लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) अपने शबाब पर है। इस बीच शराब के साथ शबाब भी चल रहा है। मध्य प्रदेश में आए दिन अवैध शराब, नकद रुपए और सोना-चांदी पकड़ी जा रही है। 16 मार्च को आचार संहिता लगने के बाद से अब तक प्रदेश में करोड़ों रुपए की सामग्री पकड़ी जा चुकी है। 

29 सीटों वाले मध्य प्रदेश में तीन चरण में 21 सीटों पर मतदान हो चुका है। अब चौथे चरण में 8 सीटों पर वोटिंग होगी। तीन चरणों में जांच के दौरान चुनाव आयोग और पुलिस की टीमों ने 280 करोड़ रुपए की सामग्री जब्त की है। 

अवैध शराब की सप्लाई 

चुनाव में सबसे ज्यादा अवैध शराब खपाई जा रही है। इसका खुलासा जांच टीमों की धरपकड़ में जब्त की गई शराब से होता है। निर्वाचन आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, अब तक सूबे में 29.63 लाख लीटर शराब पकड़ी गई है। बाजार में इसकी कीमत 43 करोड़ 79 लाख रुपए है।

14 करोड़ के जेवर, 31 करोड़ के नशीले पदार्थ 

करीब 50 दिन में 2 हजार 485 किलो सोना और चांदी पकड़ी गई है। इसकी कीमत 14 करोड़ 70 लाख है। ऐसे ही 22 करोड़ रुपए नकद पकड़े गए हैं। ब्राउन शुगर, गांजा जैसे मादक पदार्थों की सप्लाई भी धड़ल्ले से चल रही है। जांच टीमों ने आचार संहिता के बीच 31 करोड़ 69 लाख रुपए के नशीले पदार्थ जब्त किए हैं। 

अवैध गतिविधियों का खुलासा 

इसी के साथ राज्य में 167 करोड़ 20 लाख रुपए की अन्य सामग्री जब्त की गई है। इस तरह चुनाव आयोग की ओर से बनाए गए फ्लाइंग स्क्वॉड और अन्य जांच दलों ने कुल 280 करोड़ रुपए से ज्यादा की सामग्री जब्त की है। आंकड़े ही प्रदेश में अवैध गतिविधियों का खुलासा कर रहे हैं। 

तीन गुना से ज्यादा सामग्री पकड़ाई 

अब पांच साल में सूबे में शराब, हवाला और सोना—चांदी की तस्करी के मामले बढ़े हैं। जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बीच प्रदेश में सिर्फ 85 करोड़ 12 लाख रुपए की सामग्री जब्त की गई थी, जबकि इस बार आंकड़ा तीन गुना से भी ज्यादा है। 

 अवैध सप्लाई के पीछे दो बड़ी वजह 

राजनीतिक विश्लेषक दो बड़े कारण मानते हैं। पहला तो यह कि वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए नेता रुपए बांटते हैं। चुनावी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़ी मात्रा में नकद राशि का इस्तेमाल होता है। ज्यादातर पैसों का हिसाब—किताब नहीं होता है। लिहाजा, जो आरोपी रुपयों के साथ पकड़े जाते हैं, वे कोई वाजिब दस्तावेज नहीं दे पाते। दूसरी वजह यह है कि सामान्य दिनों में भी पैसों का फ्लो रहता है, लेकिन उतनी सख्ती नहीं होती, जिससे राशि पकड़ी नहीं जाती है। 

792 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त 

इधर, प्रदेश में अब तक 2 लाख 73 हजार 432 लाइसेंसी हथियार थानों में जमा कराए गए हैं। प्रदेश में 46 हजार 832 गैर जमानती वारंटों की तामीली की गई है। इस अवधि में 792 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। यही नहीं पुलिस ने सूबे में 3 हजार 344 अवैध हथियार और 934 कार्टिज जब्त किए हैं। 

2 लाख से ज्यादा पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई 

मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए प्रदेश में 2 लाख 11 हजार 651 से ज्यादा लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। कुल 312 अंतरराज्यीय नाकों और 522 आंतरिक नाकों से जांच पड़ताल की जा रही है। चुनाव की निगरानी के लिए 691 फ्लाइंग स्क्वाड ( उड़नदस्ता ) और 833 सर्विलांस टीम ( एसएसटी ) के साथ 39 क्विक रिस्पॉन्स टीमें काम कर रही हैं।

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