मध्य प्रदेश से रहा है भगवान श्री कृष्ण का गहरा नाता, मथुरा समेत देशभर में 26 अगस्त को मनाई जाएगी जन्माष्टमी

जन्माष्टमी (Janmashtami ) पर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में भक्तों का ताता लगेगा। कहीं मटकी फोड़ प्रतियोगिता (pot breaking competition ) होगी तो कहीं छोटे - छोटे बच्चे कृष्ण-राधा बने दिखाई देंगे...

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Sandeep Kumar
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जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार को पूरे देश में मनाई जाएगी । भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी को लेकर पूरी तैयारी चल रही है। भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna ) चर्चा हो और मध्य प्रदेश की चर्चा ना हो ऐसा संभव नहीं है। क्योंकि ये वहीं जिसका श्री कृष्ण से शिक्षा, कला और शास्त्र से गहरा नाता रहा है। जन्माष्टमी (Janmashtami ) पर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में भक्तों का ताता लगेगा। कहीं मटकी फोड़ प्रतियोगिता (pot breaking competition ) होगी तो कहीं छोटे - छोटे बच्चे कृष्ण-राधा बने दिखाई देंगे। आइए जानते हैं प्रदेश के उन प्रमुख स्थलों के बारे में जिनसे जुड़ी है लीलाधर श्री कृष्ण की कथाएं...

गुरु सांदीपनि के आश्रम में शिक्षा 

भगवान श्री कृष्ण अपने आराध्य भगवान शिव की नगरी उज्जैन में शिक्षा दीक्षा ली थी । भगवान श्री कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ गुरु सांदीपनि (guru sandipani ) के आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज से लगभग 5 हजार 5 सौ साल पहले भगवान श्री कृष्ण और बलराम ने गुरु सांदीपनि के आश्रम में 64 दिन में 64 कलाएं सीखी थी।

कृष्ण-सुदामा धाम मंदिर

भगवान श्री कृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा का नारायण धाम (Narayan Dham ) में मंदिर है। इस मंदिर में कृष्ण उनके बाल सखा सुदामा की पूजा की जाती है। ये मंदिर उज्जैन से करीब 35 किलोमीटर दूर जैथल एक गांव में है। जन्माष्टमी के दिन यहां पर मेला लगता है। नारायण धाम से जुड़ी कथा यह है कि यहां सुदामा ने श्री कृष्ण से छुपाकर चने खा लिए और श्री कृष्ण को भूखे रहना पड़ा था । जब इस बात की जानकारी गुरुमाता को लगी तो उन्होंने सुदामा को श्राप दे दिया था।

देवी रुक्मणी का हरण

धार में अमझेरा से ही भगवान श्रीकृष्ण ने देवी रुक्मणी (Lord Krishna Rukmani ) का हरण किया था। यहां पर मान्यता है कि मंदिर के पीछे आज भी भगवान श्री कृष्ण के रथ के पहियों के निशान है। 

मथुरा, वृंदावन में जन्माष्टमी

ये थी मध्य प्रदेश में भगवान कृष्ण के कुछ प्रमुख लीलाओं के अंश की कथा। अब बात कर लेते है उनके जन्मस्थल मथुरा की ।  जहां पर इस साल जन्माष्टमी को लेकर क्या तैयारी है। मथुरा में भी हर साल की तरह इस साल भी भगवान कृष्ण की जन्मभूमि, बांके बिहारी समेत अन्य बड़े कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी की खास तैयारियां की गई हैं।

मथुरा में जन्माष्टमी का 26 अगस्त को

भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा (Mathura birthplace of Lord Krishna ) में जन्माष्टमी का उत्सव 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा।  इस दिन मध्य रात्रि को श्रीकृष्ण जन्म स्थान के मंदिर परिसर में कान्हा जी का पंचामृत अभिषेक होगा।  इसके बाद यशोदा के नंदलाल का पूजन किया जाएगा।

20 घंटे  के लिए खुलेगा मंदि

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान (Sri Krishna Janmasthan Seva Sansthan ) ने घोषणा की है कि कृष्ण जन्मस्थान मंदिर 26 अगस्त को 20 घंटे के लिए खुला रहेगा ताकि आसानी से दर्शन कर सकें। 

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sandeep mishr

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