मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटाए जाने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। सीएम मोहन यादव की ओर से दीए गए आदेश पर कांग्रेस विधायक ने सवाल खडे़ किए हैं। भोपाल से वधिायक आरिफ मसूद ने प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई को निशाना बनाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि प्रशासन कार्रवाई के नाम पर मनमानी कर रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश में लाउड स्पीकर हटाने की जो कार्रवाई की जा रही है। वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इसको लेकर वधिायक मसूद ने सीएम मोहन यादव को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है।
CM Mohan Yadav ने लाउडस्पीकरों ( remove loud speaker )को लेकर हाल ही में आदेश जारी किया था। सीएम मोहन यादव ने प्रदेश में लाउड स्पीकरों समेत शादी-ब्याह में बजने वाले DJ पर रोक लगाने का ऐलान किया था। दरअसल, यह फैसला ध्वनि प्रदूषण को रोकने की कड़ी में लिया गया था। लेकिन मध्य प्रदेश में लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई के साथ इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। उन्होंने पुलिस पर बल प्रयोग के दम पर लाउडस्पीकर हटवाने का आरोप लगाया है।
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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ( congress mla Arif Masood ) ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा दिये गए निर्देशों के परिपालन में पुलिस द्वारा ग्रामीण अंचलों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को बलपूर्वक हटाने का कार्य कर रही है। जबकि फरवरी 2024 विधानसभा सत्र में दिनांक 09 फरवरी 2024 को मैंने ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियम विरूद्ध प्रयोग विषयक प्रश्न क्र.196 लगाया था। जिसके उत्तर में आपने सदन को बताया था कि प्रशासन ने समस्त संबंधित धर्मगुरुओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटाए जाने पर प्रेरित है। और स्वप्रेरणा से भी लाउडस्पीकरों को उतारा गया है। निर्धारित ध्वनि सीमा (डेसिबल) का उल्लंघन करने वाले समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। CM मोहन यादव की नसीहत | congress mla masood | लाउडस्पीकर हटाने की कार्यवाही | मुस्लिम विधायक