मध्य प्रदेश में प्रशासनिक हलचल बढ़ रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) और मंत्रालय स्तर पर बड़े बदलावों की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्य सचिव अनुराग जैन ने नई टीम का खाका तैयार कर लिया है। इस सर्जरी के तहत दो मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखा गया है।
पहला, उन अधिकारियों को मुख्यधारा से हटाया जाएगा जिनके प्रदर्शन को अपेक्षित मानकों पर खरा नहीं पाया गया है, हालांकि उन्हें पर्याप्त मौके दिए गए थे। दूसरा, योग्य अफसरों को उनकी विशेषज्ञता के अनुसार नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। ऐसे आइएएस अफसर, जो किसी खास क्षेत्र में उच्च दक्षता रखते हैं लेकिन इस समय लूप लाइन में हैं या किसी अन्य विभाग में काम कर रहे हैं, उन्हें मुख्य भूमिका में लाया जा सकता है।
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प्रशासनिक सर्जरी को अमल में लाया जाएगा
इस बदलाव का उद्देश्य विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत की ओर बढ़ना है। मुख्यमंत्री से अंतिम सहमति मिलने के बाद इस प्रशासनिक सर्जरी को अमल में लाया जाएगा। बुदनी और विजयपुर उपचुनाव के बाद इन बदलावों की घोषणा संभव है।
सीएमओ में बदलाव संभावनाएं
डॉ. राजेश राजौरा, एसीएस मुख्यमंत्री: मुख्यमंत्री की टीम में सबसे वरिष्ठ अधिकारी के रूप में एनवीडीए उपाध्यक्ष बने रह सकते हैं। जल संसाधन के अतिरिक्त प्रभार से मुक्ति मिल सकती है।
संजय कुमार शुक्ल, पीएस मुख्यमंत्री: योजना, आर्थिकीय और महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी यथावत रह सकती है। अन्य जिम्मेदारियों से छुटकारा संभव है।
राघवेंद्र कुमार सिंह, पीएस मुख्यमंत्री: औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
भरत यादव, सचिव मुख्यमंत्री: मुख्यमंत्री की टीम में बने रह सकते हैं, हालांकि उनकी भूमिका में बदलाव संभव है। नगरीय प्रशासन की जिम्मेदारी बनी रह सकती है।
अविनाश लवानिया, अपर सचिव मुख्यमंत्री: इनकी जिम्मेदारी में बदलाव हो सकता है, और उन्हें अन्य विभागों में तैनात किया जा सकता है।
मंत्रालय में संभावित बदलावों पर चर्चा
गृह विभाग: यह विभाग सीधे मुख्यमंत्री के पास है। अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है, जिसके चलते गृह विभाग में एसीएस स्तर पर बदलाव की संभावना है।
पशुपालन विभाग: मवेशी पालन और दुग्ध उत्पाद के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में काम जारी है। प्रमुख सचिव ई. रमेश से विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी वापस ली जा सकती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी: विभाग को मध्यप्रदेश के विकास में और अधिक उपयोगी बनाने के प्रयास चल रहे हैं। वर्तमान में संजय दुबे के पास यह अतिरिक्त जिम्मेदारी है, जिसे संभवतः आईआईटी कानपुर से पासआउट अभिजीत अग्रवाल को सौंपा जा सकता है, जो आईटी क्षेत्र में उच्च दक्षता रखते हैं।
कौशल विकास एवं रोजगार: वर्ष 2047 के विजन डॉक्यूमेंट की तैयारी के मद्देनजर, आइएएस अफसर रघुराज एमआर की जिम्मेदारी बदली जा सकती है, और विशेषज्ञता वाले अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है।
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