लाड़ली बहना योजना होगी बंद! कांग्रेस ने BJP-SC का जिक्र करते हुए ऐसा क्यों कहा, जानिए

मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। किसान कांग्रेस ने समस्याओं और वादाखिलाफी के विरोध में विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी द्वारा किए गए वादों को अधूरा बताया और कई मुद्दों पर सरकार को घेरा।

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Raj Singh
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SAJAN SINGH VERMA
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मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू हो रहा है और इस मौके पर किसान कांग्रेस ने विधानसभा का घेराव करने का फैसला किया है। किसान कांग्रेस की यह विरोध की योजना सरकार द्वारा किसानों के प्रति किए गए वादों की अनदेखी और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए है। इस विरोध की अगुवाई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा कर रहे हैं, जिन्होंने इस घेराव की पूरी जानकारी दी।

बीजेपी द्वारा की गई वादाखिलाफी

सज्जन सिंह वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने कई योजनाओं का ऐलान किया था जैसे "लाड़ली बहना" और "किसान सम्मान निधि", लेकिन वह इन योजनाओं को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से बंद करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इन योजनाओं को खत्म करने का मन बना चुकी है। उनका आरोप है कि ये योजनाएं बीजेपी के चुनावी लाभ के लिए बनाई गई थीं, लेकिन अब उन्हें हटाया जा सकता है।

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किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख

वर्मा ने यह भी कहा कि किसानों के लिए गेहूं का मूल्य 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए, लेकिन बीजेपी सरकार ने 2 हजार 600 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य तय किया है। उन्होंने व्यापारी वर्ग द्वारा किसानों को ठगने का आरोप भी लगाया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ती रही है और यह आंदोलन भी उसी का हिस्सा है।

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इन्वेस्टर्स समिट और सरकार का दावा

वर्मा ने सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्टर्स समीट की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि इस समीट से केवल आंकड़ों की बमबारी की जाती है और सच्चाई कुछ और है। कई एमओयू पर हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन उन पर कोई काम नहीं होता। उदाहरण के तौर पर, बाबा रामदेव को 50 एकड़ जमीन दी गई थी, लेकिन उन्होंने उसमें कुछ नहीं किया। इसके बावजूद अब उन्हें 432 एकड़ जमीन दी जा रही है, जिसका उद्देश्य केवल आंकड़ों में वृद्धि करना है।

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किसान कांग्रेस की मुख्य मांगें

दरअसल, किसान कांग्रेस ने कुछ प्रमुख मांगें उठाई हैं जिनमें भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों को चार गुना मुआवजा, खराब फसलों का मुआवजा, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीदने की मांग शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों की टमाटर, लहसुन और गोभी की फसलें खराब हुई हैं, उन्हें प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजा मिलना चाहिए।

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