/sootr/media/media_files/2025/03/18/25Ls6UYSBEVtMmDLToHv.jpg)
मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया है, जहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं और आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। इस दिन का प्रमुख मुद्दा बिजली कटौती रहा, जिस पर बीजेपी विधायकों ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को घेरा। भिंड के विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया कि बिजली अधिकारी प्रदीप जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
विधायक निधि लेकर भी नहीं लगाए ट्रांसफार्मर
भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा भिंड शहर में दो साल पहले ट्रांसफार्मर लगाने की स्वीकृति दी गई थी। विभाग के बजट के अलावा उन्होंने भी बिजली कंपनी को 1 करोड़ की विधायक निधि दी है। कंपनी के एमडी प्रदीप कुमार जैन लगातार गुमराह कर रहे हैं। बिजली की जमकर कटौती हो रही है। जवाब में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कहीं भी कटौती नहीं हो रही। 70 में से 40 ट्रांसफार्मर लग चुके हैं। अक्टूबर 2025 तक काम पूरा कर लिया जाएगा। इस जवाब पर बीजेपी विधायक भड़क गए। उन्होंने कहा मौके पर लोग परेशान हैं। बिजली की समस्या बनी हुई है, लेकिन मंत्री भ्रष्ट अधिकारी को बचा रहे हैं।
बीजेपी विधायक और विपक्ष भी समर्थन में उतरा
विधायक नरेंद्र सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन नागदा खाचरोद विधायक तेजबहादुर सिंह ने भी किया। उन्होंने कहा भिंड विधायक ने जो समस्या उठाई है वह बहुत बड़ी है। बिजली कंपनी जमकर कटौती कर रही है और अधिकारी गलत जानकारी देकर इसे छिपा रहे हैं। बीजेपी विधायक द्वारा भिंड में पदस्थ अधिकारी पर कार्रवाई की मांग का समर्थन कांग्रेस विधायकों ने भी किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा विपक्ष होने के कारण सरकार हमारी बात तो सुनती नहीं बीजेपी विधायक की बात ही मान लो। विधायक प्रमाणों सहित आरोप लगाकर मांग कर रहे हैं तो ऐसे अधिकारी को सस्पेंड करने में क्या परेशानी है। क्यों ऐसे अधिकारी को बचाया जा रहा है।
जमकर सुनाई खरी-खोटी
नरेंद्र सिंह कुशवाहा के अलावा बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा भी अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाते दिखे। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग को जमकर खरी-खोटी सुनाई। रामेश्वर शर्मा ने शहर में खराब यातायात व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने नई ई-बसों को उन इलाकों में चलाने की मांग की, जहां बसों की सुविधा नहीं है। इस पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उनकी मांगों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया।
ये भी खबर पढ़ें... गोविंद सिंह राजपूत ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को भेजा 20 करोड़ का नोटिस, ये है वजह
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उमंग सिंघार के बीच तकरार
वहीं, सदन के बाहर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने विपक्षी नेता उमंग सिंघार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सिंघार भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और उन्होंने उनके खिलाफ 20 करोड़ का नोटिस भेजा है। राजपूत ने आरोप लगाया कि सिंघार एक महंगी डिफेंडर गाड़ी में घूम रहे हैं और उनकी संपत्ति संदिग्ध है।
सिंघार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी हर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यदि मंत्री अपनी संपत्ति गलत तरीके से बढ़ा रहे हैं, तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और उनका विरोध करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मानहानि का नोटिस मिल चुका है, लेकिन वह इसका जवाब देंगे।
कैग रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का खुलासा
मध्यप्रदेश विधानसभा में सोमवार को पेश की गई कैग रिपोर्ट ने कई योजनाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का खुलासा किया। संबल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी योजनाओं में अनियमितता का आरोप लगाया गया। विपक्षी दलों ने इसे लेकर हंगामा किया और कांग्रेस ने प्रदेश को भ्रष्टाचार का गढ़ करार दिया।
विधानसभा में इन मुद्दों पर बहस
- ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर बिजली कटौती के आरोप।
- मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उमंग सिंघार के बीच आरोप-प्रत्यारोप।
- कैग रिपोर्ट में प्रदेश की योजनाओं में भ्रष्टाचार का खुलासा।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें