बढ़ेंगी बिजली की दरें, 25 लाख उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा
मध्य प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की तैयारी से मध्यम वर्ग पर आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है। 151-300 यूनिट स्लैब हटाने का प्रस्ताव 25 लाख उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा।
मध्य प्रदेश में बिजली की दरें और महंगी होने की तैयारी है, जिससे मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है। राज्य की बिजली कंपनियों ने 151 से 300 यूनिट तक की खपत वाले स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे 25 लाख से अधिक उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव: 151-300 यूनिट खपत का स्लैब हटाने की सिफारिश। इससे इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को उच्च दरों पर बिल चुकाना होगा। बिजली दरों में 7.52% वृद्धि की मांग की गई है।
घाटे का हवाला: बिजली कंपनियों ने 2025-26 में 4,107 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला दिया। बढ़ते खर्च और ट्रांसमिशन लॉस को मुख्य कारण बताया गया है।
उपभोक्ताओं पर असर: 151-300 यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं को वही दर चुकानी होगी, जो 500 यूनिट से अधिक खपत पर लागू होती है। पहले से ही महंगी बिजली दरों के चलते उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक भार सहना पड़ रहा है।
प्रतिक्रिया और विरोध: जबलपुर के सामाजिक संगठनों और कांग्रेस ने प्रस्ताव का विरोध किया है। प्रदेशव्यापी आंदोलन की तैयारी हो रही है।
विशेषज्ञ की राय: बिजली मामलों के विशेषज्ञ राजेंद्र अग्रवाल के अनुसार, मध्य प्रदेश में बिजली की दरें अन्य राज्यों की तुलना में पहले ही अधिक हैं। राज्य में सस्ती बिजली उत्पादन के बावजूद, बिजली कंपनियों के खराब प्रबंधन के कारण उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का भार उठाना पड़ रहा है। बता दें कि, मध्य प्रदेश में बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी न केवल मध्यम वर्ग पर आर्थिक बोझ डालेगी, बल्कि राज्य में पहले से मौजूद महंगी बिजली दरों की समस्या को और गंभीर बनाएगी। ऐसे में, सरकार और नियामक आयोग को इस मामले पर विचार करना चाहिए और उपभोक्ताओं के हित में संतुलित निर्णय लेना चाहिए।