मध्य प्रदेश के 7.50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ते (डीए) की घोषणा के ढाई महीने बाद भी एरियर की पहली किस्त का इंतजार कर रहे हैं। वित्त विभाग ने 28 अक्टूबर 2024 को 4% डीए का ऐलान किया था, जिसमें जनवरी से सितंबर 2024 तक के 9 महीने के एरियर का भुगतान किया जाना था। पहले आदेश में कहा गया था कि दिसंबर 2024 में पहली किस्त दी जाएगी, जबकि जनवरी से मार्च 2025 के बीच बाकी तीन किस्तें दी जाएंगी। हालांकि, कोषालय की वेबसाइट न खुलने के कारण दिसंबर में एरियर की पहली किस्त नहीं मिल पाई।
ESB की जेल प्रहरी परीक्षा का विवादित टॉपर राजा भैय्या पहली बार आया सामने, क्यों डरा हुआ दिखा टॉपर ?
क्या कहते हैं कर्मचारी
कर्मचारियों का कहना है कि इस देरी के कारण उन्हें गंभीर वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इसे सरकारी लापरवाही का मामला बताते हुए जांच की मांग की है और साथ ही दिसंबर-जनवरी की दोनों किस्तों को एक साथ देने की अपील की है। इस प्रकार, कर्मचारियों को 5000 से लेकर 50,000 रुपये तक का एरियर मिल सकता है। मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया कि इस बार भी वही परंपरा दोहराई जा रही है, जो पहले भी हुई थी। केंद्र सरकार ने 4% डीए जुलाई 2023 में दिया था, जबकि राज्य सरकार ने इसे मार्च 2024 में अपने कर्मचारियों को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार भी वित्त विभाग ने अपने ही आदेश का पालन नहीं किया और कर्मचारियों को बिना किसी स्पष्ट कारण के भुगतान में देरी की गई है।
MP में शिक्षकों के लिए निकली बंपर वैकेंसी, जानें कब से करें आवेदन?
एरियर की पहली किस्त की देरी
कर्मचारियों को अक्टूबर 2024 में 4% डीए का ऐलान किया गया था, लेकिन कोषालय की वेबसाइट न खुलने से दिसंबर 2024 में पहली किस्त नहीं मिल पाई। कर्मचारियों ने इसे सरकारी लापरवाही बताया है।
परीक्षा फीस में बढ़ोतरी की तैयारी, छात्रों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
दिसंबर और जनवरी की किस्त एक साथ देने की मांग
कर्मचारी संघ ने मांग की है कि दिसंबर और जनवरी की किस्त एक साथ दी जाए, जिससे कर्मचारियों को 5000 से लेकर 50,000 रुपये तक का एरियर मिल सके।
परीक्षा फीस में बढ़ोतरी की तैयारी, छात्रों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
पहले से हो रही है देरी
उमाशंकर तिवारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने जुलाई 2023 में डीए दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे मार्च 2024 में दिया। इस प्रकार की देरी सरकार की परंपरा बन गई है।
कर्मचारियों का वित्तीय संकट
देरी के कारण कर्मचारियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। सरकार से समय पर एरियर भुगतान की मांग की जा रही है, ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके।