MP में बनेंगे अमेजन-वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर

मध्यप्रदेश में 50 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित करने की योजना है, जिससे 37 हजार 37 हजार नई नौकरियों के मौके मिलेंगे। ये केंद्र निवेश, ग्लोबल कनेक्टिविटी और आईटी, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में तकनीकी विकास को बढ़ावा देंगे।

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Siddhi Tamrakar
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मध्यप्रदेश में बिजनेस और इंडस्ट्री के विस्तार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में ग्लोबल कंपनियों की लोकल यूनिट यानी कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। दिसंबर में इस संबंध में एक ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की गई थी और जल्द ही इसे आखिरी रूप दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ सालों में 50 जीसीसी के जरिए लगभग 37 हजार युवाओं को रोजगार के मौके दिए जाएंगे।

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ग्लोबल कंपनियों की प्रदेश में बढ़ती रुचि

माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और वॉलमार्ट जैसी प्रमुख ग्लोबल कंपनियां अपनी लागत कम करने और स्किल्ड युवाओं का लाभ उठाने के लिए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर खोल रही हैं। इन केंद्रों के जरिए आर एंड डी, आईटी सेवाएं, बीपीओ और इंजीनियरिंग सेवाएं दी जाती हैं। मध्यप्रदेश में इस दिशा में खास पॉलिसी तैयार की गई है। साल 2024 के दिसंबर में इसका ड्राफ्ट जारी किया था और जल्द ही पॉलिसी फाइनल होगी।

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जीसीसी से निवेश और रोजगार के मौके

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर राज्य में निवेश लाने के साथ ही रोजगार और ग्लोबल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगे। आईटी और आईटी-इनेबल्ड सेवाओं के विस्तार के साथ, इन केंद्रों से प्रदेश में तकनीकी शिक्षा (technical Education) और ट्रेनिंग को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल, जीआईएस, माइनिंग, फार्मा, रिन्यूएबल एनर्जी, और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में भी जीसीसी का योगदान रहेगा।

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मध्यप्रदेश में मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर और संभावनाएं

भारत ग्लोबल कंपनियों के लिए चीन का विकल्प (Option) बनता जा रहा है। हाल में, 46 बिलियन डॉलर के जीसीसी मार्केट में भारत की हिस्सेदारी 50% है। साल 2023 तक देश में 1 हजार 600 जीसीसी थे, जो साल 2030 तक 2 हजार 400 होने की संभावना है। हालांकि, अभी तक ज्यादातर जीसीसी दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, और चेन्नई जैसे शहरों में केंद्रित हैं, मध्यप्रदेश में भी इसके लिए मजबूत बुनियादी ढांचा (infrastructure) उपलब्ध है।

राज्य में 5 स्पेशल इकोनॉमिक जोन, 15 आईटी पार्क और 150 से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। आईटी, टेक्सटाइल और जीआईएस सेक्टर में विशेष फोकस के साथ, मध्यप्रदेश 37 हजार नई नौकरियों के मौके पैदा करने के लिए तैयार है।

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ग्लोबल लेवल पर पहुंचने की तैयारी

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग और ग्लोबल लेवल पर काम करने का मौका देंगे। इन केंद्रों के जरिए टेक्निकल और प्रोफेशनल स्किल में भी सुधार होगा, जिससे राज्य में एक स्किल्ड वर्कफोर्स का निर्माण होगा।

राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष - एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज मंडीदीप, ने कहा कि जीसीसी का मोटिव स्थानीय प्रतिभा को ट्रेन कर उन्हें ग्लोबल लेवल पर काम करने योग्य बनाना है। इससे न केवल युवाओं को बड़े अवसर मिलेंगे, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

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