/sootr/media/media_files/2025/09/19/10-special-benches-2025-09-19-19-39-53.jpg)
Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लंबित मामलों का दबाव अब एक नए कदम से कम करने की कोशिश होगी। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए शनिवार (20 सितंबर) से एक साथ 10 स्पेशल सिंगल बेंच गठित करने का आदेश दिया है। यह संभवतः हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर विशेष पीठों का गठन किया गया है।
बार एसोसिएशन ने किया था निवेदन
हाईकोर्ट में फिलहाल करीब 4.80 लाख केस लंबित हैं। जबलपुर मुख्य पीठ में ही लगभग 3 हजार MCRC मामले में जमानत अर्जियां सुनवाई का इंतजार कर रही हैं।
जजों पर बढ़ते दबाव और कैदियों की जमानत याचिकाओं के अटके रहने की समस्या को देखते हुए, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके जैन और सचिव परितोष त्रिवेदी ने हाल ही में मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर विशेष पहल करने का अनुरोध किया था। इसी पहल पर यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
ये खबरें भी पढ़ें...
मौसम पूर्वानुमान (20 सितंबर) : MP में हल्की, दक्षिण भारत में भारी बारिश की चेतावनी
जेलों में बंद कैदियों के लिए राहत
राज्य की विभिन्न जेलों में बंद हजारों विचाराधीन कैदी लंबे समय से जमानत अर्जियों पर सुनवाई का इंतजार कर रहे थे। स्पेशल बेंचों के गठन से अब उनकी अर्जियों पर तेजी से सुनवाई होगी। इससे न केवल न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी, बल्कि जेलों पर भी बोझ कम होने की उम्मीद है।
ये खबरें भी पढ़ें...
सिंगरौली में मिली सोने की खान, अडानी ग्रुप निकालेगा 5 साल में 1.83 लाख किलो गोल्ड
The Sootr की खबर का असरः भोपाल कारतूस केस में कलेक्टर का बड़ा एक्शन, 30 और लोगों के लाइसेंस निलंबित
इन जजों को मिली है जिम्मेदारी...
मुख्य पीठ जबलपुर में गठित की गई 10 स्पेशल बेंचों की जिम्मेदारी इन जजों को सौंपी गई है-
- जस्टिस अचल कुमार पालीवाल
 - जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल
 - जस्टिस देवनारायण मिश्रा
 - जस्टिस दीपक खोत
 - जस्टिस अजय कुमार निरंकारी
 - जस्टिस हिमांशु जोशी
 - जस्टिस रामकुमार चौबे
 - जस्टिस रत्नेशचंद्र सिंह बिसेन
 - जस्टिस बीपी शर्मा
 - जस्टिस प्रदीप मित्तल
 
इन सभी बेंचों को सभी MCRC मामलों (आदेश, एडमिशन और फाइनल हियरिंग) की सुनवाई की जिम्मेदारी दी गई है।
न्यायिक व्यवस्था को मिलेगी नई दिशा
हाईकोर्ट विशेष बेंच के गठन से न्यायाधीशों के कार्यभार का संतुलन बनाने और न्याय वितरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह कदम लंबित मामलों की सुनवाई की संख्या घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
 Follow Us