ग्वालियर हाईकोर्ट ( Gwalior High Court ) की एकलपीठ ने बस के रजिस्ट्रेशन निलंबन ( Vehicle Registration Suspension ) में अहम फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में दूसरे राज्य के परिवहन अधिकारी को भी रजिस्ट्रेशन निलंबित करने के साथ ही कार्रवाई करने का अधिकार है। इसके साथ ही परिवहन अधिकारी को इसकी सूचना संबंधित प्रदेश के आरटीओ को देना जरूरी है।
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यह है पूरा मामला...
महेंद्र गुप्ता की टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली एक बस को जयपुर के जिला परिवहन अधिकारी ने पकड़ लिया था। इस बस में कई बदलाव किए गए थे। बस को मई 2024 को जब्त कर लिया गया। इसके साथ ही बस का पंजीयन निरस्त कर दिया। इसे लेकर महेंद्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
उनकी ओर से कोर्ट में तर्क दिया गया कि गाड़ी नंबर यूपी 95 टी 5127 की यूपी के महोबा से एनओसी लेकर ग्वालियर में रजिस्टर्ड कराई है। यदि बस में बदलाव हुआ है तो ग्वालियर आरटीओ को कार्रवाई का अधिकार है। जयपुर के परिवहन अधिकारी रजिस्ट्रेशन निलंबित नहीं कर सकते हैं।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि कानून में दूसरे राज्य के जिला परिवहन अधिकारी को भी कार्रवाई का अधिकार है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिला परिवहन अधिकारी वाहन का पंजीयन निलंबित भी कर सकते हैं।
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