इंदौर में SSC परीक्षा कराने वाली दागी Eduquity कंपनी पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बोले– ब्लैकलिस्टेड को ठेके क्यों?

इंदौर में SSC परीक्षा को लेकर Eduquity कंपनी पर विवाद बढ़ गया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कंपनी पर आरोप लगाए और सवाल किया कि ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका क्यों दिया गया?

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Sanjay Gupta
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इंदौर में सोमवार (28 जुलाई) को SSC (कर्मचारी चयन आयोग) की फेज-13 की परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को सर्वर डाउन का सामना करना पड़ा। इसके चलते मालवा कन्या विद्यालय परीक्षा केंद्र के पास जमकर विवाद हुआ था। बाद में इस परीक्षा को निरस्त कर दूसरी बार परीक्षा कराने के आदेश हुए।

वहीं इस परीक्षा में आ रही समस्याओं को लेकर दिल्ली में भी भारी प्रदर्शन हुआ। परीक्षा कराने वाली दागी कंपनी Eduquity Career Technologies को लेकर द सूत्र ने पहले भी खुलासे किए थे। अब इस मामले में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी मुखर हुए हैं और उन्होंने कंपनी को लेकर सवाल उठाए हैं।

दिग्गी बोले, यह तो वही कंपनी है जिसने पटवारी परीक्षा 2023 में गड़बड़ी की थी।

दिग्विजय सिंह ने रविवार (3 अगस्त) को अपने सोशल अकाउंट X पर कहा कि- SSC परीक्षा कराने वाली Eduquity कंपनी वही कंपनी है जिसने पटवारी परीक्षा 2023 में गड़बड़ी की थी। इसी कंपनी ने मप्र शिक्षक वर्ग 03 परीक्षा में गड़बड़ी की थी। इसे केंद्र सरकार ने साल 2020 में ब्लैकलिस्ट किया था। इसके बाद भी इस कंपनी को एग्जाम करवाने के ठेके दिए जा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी, ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका देना कहां तक उचित है? इसे तत्काल निरस्त करें।

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इंदौर में यह हुई थी SSC में समस्या

सोमवार को परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा के दौरान करीब 10-15 मिनट तक कंप्यूटर सिस्टम बंद हो गया था। विरोध किया और शिकायत की तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यह परीक्षा कराने वाली कंपनी और कोई नहीं बल्कि मप्र की पटवारी भर्ती परीक्षा कराने वाली Eduquity थी।

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य रंजीत किसानवंशी और प्रदेश अध्यक्ष धर्मवीर विश्वनोई रात को ही परीक्षा केंद्र पर पहुंच कर विरोध जताया था। देर रात को एजेंसी ने सर्वर डाउन की पुष्टि की और उम्मीदवारों को बताया कि आयोग को इस संबंध में सूचना दे दी गई है। बाद में इसे निरस्त किया गया।

इंदौर में SSC परीक्षा विवाद पर एक नजर...

  • इंदौर में SSC परीक्षा के दौरान सर्वर डाउन होने के कारण छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ा, और परीक्षा को निरस्त कर दोबारा कराए जाने के आदेश हुए।

  • पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि SSC परीक्षा कराने वाली Eduquity कंपनी, जो 2020 में केंद्र सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई थी, को फिर से ठेका क्यों दिया गया।

  • Eduquity कंपनी पर पहले भी पटवारी परीक्षा 2023 और शिक्षक परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे, और यह कंपनी कई विवादों में रही है।

  • 2023 में Eduquity की भूमिका महाराष्ट्र के MBA CET परीक्षा में भी चर्चा में रही, जहां छात्रों ने पेपर लीक और धांधली की शिकायत की।

  • Eduquity को 2020 में केंद्रीय प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद इसे परीक्षा कराने का ठेका दिया गया।

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परीक्षा कराने वाली Eduquity पर लगातार उठ रहे सवाल

SSC परीक्षा में विवाद की असल वजह Eduquity Career Technologies को इस परीक्षा का ठेका दिया जाना बताया जा रहा है। दरअसल यह वही कंपनी है जो व्यापमं यानी ईएसबी की परीक्षाओं से जुड़ी रही है और इस पर कई परीक्षाओं में गफलत के आरोप लगे हैं।

दरअसल जब SSC ने इस परीक्षा आयोजन के लिए टेंडर जारी किए तो TCS की दर करीब सवा तीन सौ प्रति स्टूडेंट थी और वहीं Eduquity की दर 220 रुपए के करीब थी। इसके चलते यह कांट्रेक्ट इस बार Eduquity के पास आ गया।

इसके पहले साल 2018 से यह परीक्षाएं TCS करा रहा था, तब विवाद नहीं हुए। लेकिन इस कंपनी के आते ही समस्या शुरू हो गई। अब उम्मीदवारों को डर यह है कि आने वाले समय में SSC की कई अहम भर्ती परीक्षा होनी है, जिसमें इंकमटैक्स व अन्य केंद्रीय विभागों में भर्ती होगी। यदि वहां भी यही विवाद हुआ तो लाखों अभ्यर्थी संकट में आ जाएंगे।

Eduquity कंपनी लगातार विवादों में रही है

साल 2000 में यह कंपनी बनी है और यह बैंगलुरू की है। व्यापमं में जब यह कंपनी जुड़ी तो साल 2022 में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3 का पेपर का स्क्रीन शॉट वायरल हो गया। इसके बाद विवाद हुआ और इसकी जांच कराई गई। बाद में पता चला कि Eduquity कंपनी को एग्जाम कराने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है, उसने कमीशन लेकर साईं एजुकेयर को पेटी कांट्रैक्ट दे मारा। जो शर्तों के खिलाफ था।

Eduquity Career Technologies का दावा है कि उसने अब तक 100 मिलियन से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए परीक्षाएं आयोजित की हैं। लेकिन उस पर कई बार गंभीर आरोप लगे हैं। इसके बाद, 2023 में मध्य प्रदेश की पटवारी भर्ती परीक्षा विवादों में आई, जब एक ही सेंटर से टॉप टेन में से सात मेरिट में आ गए। लगातार परीक्षा केंद्रों पर निगरानी की कमी और नकल की शिकायतें सामने आईं। कुछ लोगों ने संदिग्ध गतिविधियों की बात भी कही।

महाराष्ट्र में भी मार्च 2023 में MBA CET परीक्षा के दौरान Eduquity की भूमिका चर्चा में आई। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल ने इसे ठेका दिया था, लेकिन छात्रों ने पेपर लीक और धांधली की शिकायत की। छात्रों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की और परीक्षा दोबारा कराने की मांग की।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के साथ भी Eduquity का नाम जुड़ा। मार्च 2022 में NTA ने इसके साथ कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं के लिए करार किया था। इस दौरान कई परीक्षाएं हुईं, लेकिन इनमें भी तकनीकी गड़बड़ियां और संभावित लीक की बात सामने आई।
इससे पहले, 2020 से पहले केंद्रीय प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने Eduquity को परीक्षा आयोजन से ब्लैकलिस्ट कर दिया था।

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