मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बना माधव राष्ट्रीय उद्यान, छोड़े जाएंगे दो नए बाघ

भारत सरकार के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने दो नए बाघों को लाने की मंजूरी दी है, जिसमें एक नर और एक मादा बाघ शामिल हैं। ये बाघ 10 मार्च 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे, जिसके बाद इस रिजर्व में बाघों की कुल संख्या सात हो जाएगी।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश को 'टाइगर स्टेट' का दर्जा मिलने के कारण राज्य के वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक और खुशखबरी है। अब प्रदेश में कुल 9 टाइगर रिजर्व होंगे, जिसमें नया नाम जुड़ा है माधव राष्ट्रीय उद्यान का। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट करके इस घोषणा की जानकारी दी और इसे प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि "यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

बाघों की संख्या में होगा इजाफा

माधव टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने वाली है। भारत सरकार के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने दो नए बाघों को लाने की मंजूरी दी है, जिसमें एक नर और एक मादा बाघ शामिल हैं। ये बाघ 10 मार्च 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे, जिसके बाद इस रिजर्व में बाघों की कुल संख्या सात हो जाएगी। इनमें पांच वयस्क बाघ (दो नर और तीन मादा) और दो शावक शामिल होंगे।

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वन्यजीव संरक्षण को मिलेगी मजबूती

माधव टाइगर रिजर्व के गठन से, पन्ना टाइगर रिजर्व और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच स्थित इस क्षेत्र में बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयासों को और भी मजबूती मिलेगी। इससे प्रदेश में बाघों का संरक्षण बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।

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मध्य प्रदेश में 9 टाइगर रिजर्व

माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के बाद, अब मध्य प्रदेश में कुल 9 टाइगर रिजर्व हो गए हैं। इसके अलावा, प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही, और रातापानी में भी टाइगर रिजर्व हैं।

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बाघों की बढ़ती संख्या

मध्य प्रदेश को 'टाइगर स्टेट' का दर्जा प्राप्त है, और वर्ष 2022 की गणना के अनुसार यहां 785 बाघ थे। इस समय बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और प्रदेश सरकार बाघों के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह कदम न केवल बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए है, बल्कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को भी बढ़ावा देगा।

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पर्यटकों के लिए सुनहरा मौका

माधव टाइगर रिजर्व का गठन न केवल बाघों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगा। विशेष रूप से वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति के शौकिनों के लिए यह एक बेहतरीन स्थल साबित हो सकता है। माधव टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास को भी मदद मिलेगी।

 

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