मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में जल्द ही एक नया टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क को अब टाइगर रिजर्व का दर्जा मिल जाएगा। यह मध्य प्रदेश का नौवां टाइगर रिजर्व होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार होली से पहले यानी 8 या 10 मार्च को इस संबंध में आधिकारिक घोषणा करने जा रही है, जिसके साथ गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा। इस कदम से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने पिछले साल दिसंबर में इसे टाइगर रिजर्व बनाने की मंजूरी दे दी थी।
पार्क में लाए जाएंगे दो और बाघ
माधव टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। बाघ संरक्षण के प्रयासों को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए जल्द ही माधव नेशनल पार्क में दो और बाघ लाए जा रहे हैं। ये बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व से लाए जाएंगे, जिनमें एक नर और एक मादा बाघ शामिल होंगे। इससे पार्क में बाघों की संख्या बढ़कर सात हो जाएगी। वर्तमान में यहां पांच बाघ हैं, जिनमें से एक मादा बाघ ने छह महीने पहले दो शावकों को जन्म दिया था।
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जल्द घोषणा कर सकते हैं मुख्यमंत्री
माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व के घोषित होने के इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के शामिल होने की संभावना है। प्रशासन और पार्क प्रबंधन के अधिकारी इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं।
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1200 वर्ग किमी में फैलेगा टाइगर रिजर्व
टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद पार्क का क्षेत्रफल 1200 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ जाएगा, जबकि वर्तमान में यह केवल 375 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके लिए 13 गांवों को शामिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिससे बफर जोन का विस्तार होगा। पार्क प्रबंधन की कोशिश है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद पार्क के सभी गेट सैलानियों के लिए खोल दिए जाएं, जिससे वे बाघों को आसानी से दीदार कर सकें।
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टाइगर रिजर्व से रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने से जिले में रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इससे स्थानीय होटल व्यवसाय, परिवहन और अन्य पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेंगे। बाघों के दीदार करने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचेंगे। जिससे राज्य सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा। पार्क प्रबंधन का कहना है कि 8 मार्च को पन्ना से दो टाइगर यहां लाए जाएंगे और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। टाइगर रिजर्व बनने के बाद क्षेत्र में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित होगा।
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