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टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। उमरिया में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक और बाघ की मौत का मामला सामने आया है जिससे विभाग में हड़कंप मच गया। यह घटना पनपथा बफर जोन में हुई, जहां शिकारियों ने जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिजली का जाल बिछा रखा था। इस करंट की चपेट में आकर बाघ की मौके पर ही मौत हो गई। शिकारियों ने भादर नदी के दलदली क्षेत्र में शव को जमीन में दबा दिया था। मामले में वन विभाग की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दो शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।
भादर नदी के पास दफनाया था बाघ का शव
पुलिस के मुताबिक, बाघ का शव भादर नदी के पास दफनाया गया था। वन विभाग को सूचना मिलने के बाद पूरी टीम सक्रिय हो गई और मामले की जांच शुरू की। दो शिकारियों, रामचरण कोल और पांडू कोल को गिरफ्तार किया गया, जो गांव सुखदास के निवासी हैं। आरोपियों के पास से जीआई तार और कुल्हाड़ी भी बरामद की गई है। इन आरोपियों के खिलाफ वन विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
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बाघों की सुरक्षा पर उठे सवाल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत के बाद प्रदेश में जारी किए गए शिकारियों को लेकर अलर्ट और बाघों की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले कुछ सालों में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है, खासकर पनपथा रेंज में। 2020 से 2025 तक के आंकड़े बताते हैं कि इस क्षेत्र में कुल 51 बाघों की मौत हो चुकी है। इनमें से 17 बाघ पनपथा रेंज में मारे गए हैं, जो इस क्षेत्र में बाघों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
पिछले पांच सालों में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौतों की संख्या बढ़ी है, और खासकर पनपथा रेंज में इन घटनाओं में इजाफा हुआ है। 2024 में भी यहां तीन बाघों की मौत हो चुकी है, और अब एक और बाघ की करंट लगने से मौत हो गई। इस सिलसिले को देखते हुए वन विभाग ने शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है।
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लगभग 15 दिन पहले हुई बाघ की मौत
दरअसल, वन विभाग को गश्ती दल से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर जब जांच की गई तो डॉग स्क्वायड की मदद से बाघ का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। बाघ की मौत लगभग 15 दिन पहले हुई थी, लेकिन शव से कोई अंग गायब नहीं था। बांधवगढ़ के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि बांधवगढ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के सुखदास गांव की सीमा के पास बाघ की करंट लगने से मौत हुई थी। जिसके बाद आरोपियों ने बाघ के शव को गड्ढे में दफना दिया था, शव को भदार नदी के किनारे आरएफ 394 बीट जाजागड़ में दफनाया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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पोस्टमार्टम कर शव का दाह संस्कार
पार्क की टीम ने मृत बाघ का पोस्टमार्टम कर उसका दाह संस्कार किया है। क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय और अन्य अधिकारियों की निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया की गई। वन विभाग का कहना है कि वे शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेंगे और बाघों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा में गंभीर खामियां हैं और शिकारियों के खिलाफ अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
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