MP की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी अब होगी बंद , रीजनल यूनिवर्सिटी को सौंपे जाएंगे मेडिकल कोर्स

मध्य प्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद होने जा रही है और मेडिकल कोर्स अब रीजनल यूनिवर्सिटीज को सौंपे जाएंगे। इस बदलाव से शिक्षा व्यवस्था में निगरानी और गुणवत्ता सुधारने की उम्मीद है।

author-image
Kaushiki
New Update
medical students of MP
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी जो जबलपुर में स्थित है अब बंद होने की कगार पर है। 2011 में स्थापित इस यूनिवर्सिटी का उद्देश्य मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देना था लेकिन अब यह सिर्फ एक परीक्षा एजेंसी बनकर रह गई है।

सरकार ने अब इसे पूरी तरह से बंद करने का डिसिशन लिया है। राज्य सरकार ने एमबीबीएस समेत सभी मेडिकल कोर्सों को रीजनल यूनिवर्सिटीज को सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे विधि विभाग से अनुमति मिलने के बाद कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

क्या होगा नया बदलाव

बता दें कि, नए प्रस्ताव के तहत भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के छात्रों को बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से डिग्री मिलेगी। वहीं इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के छात्रों को देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी से डिग्री दी जाएगी।

जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के छात्रों को रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से डिग्री मिलेगी। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य मेडिकल शिक्षा को रीजनल यूनिवर्सिटीज के तहत शामिल करना है, जिससे लोकल लेवल पर निगरानी आसान हो सकेगी।

ये खबर भी पढ़ें...Career Options After 12th: 12वीं के बाद क्या करें, कंफ्यूज हैं तो ये रहा गाइडेंस

क्यों बंद हो रही है यूनिवर्सिटी

यूनिवर्सिटी के बंद होने के कई कारण हैं:

  • बड़े सपने, कम बजट: 2011 में इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के समय 400 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव था लेकिन अब तक केवल 20 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं।
  • स्ट्रक्चरल और स्टाफ की कमी: यूनिवर्सिटी में सफ्फिसिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुभवी स्टाफ की कमी रही है, जिसके कारण इसका मैनेजमेंट प्रभावित हुआ है।
  • घोटाले और इर्रेगुलरिटीज: होम्योपैथी और नर्सिंग जैसे कोर्सों में फर्जीवाड़े और इर्रेगुलरिटीज की रिपोर्ट सामने आई हैं।

रीजनल यूनिवर्सिटी से क्या उम्मीदें हैं

रीजनल यूनिवर्सिटी पहले से ही एक मजबूत प्रशासनिक ढांचे से लैस हैं। मेडिकल कोर्सों को इन यूनिवर्सिटीज के तहत शामिल करने से यह सुनिश्चित होगा कि मेडिकल शिक्षा में निगरानी और गुणवत्ता को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सके।

फैसले के नुकसान

नई व्यवस्था से इंटर्नशिप, डिग्री और रेगुलेशन को लेकर कुछ भ्रम और गड़बड़ियां उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, रीजनल यूनिवर्सिटीज पहले से ही कई कोर्स चला रही हैं। तो ऐसे में मेडिकल कोर्स जोड़ने से उनके ऊपर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा।

ये खबर भी पढ़ें...Career Tips: 10वीं के बाद स्ट्रीम चुनने में भूलकर भी न करें ये गलती, अपनाएं ये टिप्स

आयुष यूनिवर्सिटी की योजना भी ठंडे बस्ते में

वहीं, उज्जैन में प्रस्तावित आयुष यूनिवर्सिटी की योजना अब ठंडे बस्ते में चली गई है। पहले इसे मेडिकल यूनिवर्सिटी से अलग किया जाना था लेकिन अब एमबीबीएस को भी रीजनल यूनिवर्सिटी से जोड़े जाने के कारण आयुर्वेदिक कॉलेज भी वहां शिफ्ट होंगे। इस कारण आयुष यूनिवर्सिटी एक्ट खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬

👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

MP मेडिकल यूनिवर्सिटी | एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी | जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी | मेडिकल यूनिवर्सिटी का फैसला | MP Medical College | mp medical college news | Jabalpur Medical University | Jabalpur Medical College | MP News | Madhya Pradesh | मध्यप्रदेश | मध्यप्रदेश न्यूज

MP News Madhya Pradesh मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश न्यूज Jabalpur Medical College Jabalpur Medical University मेडिकल यूनिवर्सिटी मेडिकल यूनिवर्सिटी का फैसला जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी MP मेडिकल यूनिवर्सिटी एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी MP Medical College mp medical college news