MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने 10 लाख या उससे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित करने का फैसला लिया है। हालांकि सिर्फ आबादी का आंकड़ा ही इस निर्णय के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे क्षेत्रों का दायरा कम से कम एक से अधिक जिलों तक फैला होना चाहिए। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में कम से कम दो या उससे अधिक नगर पालिका, पंचायत या अन्य क्षेत्र शामिल होने चाहिए।
मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के विकास की कार्ययोजना
मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के विकास के लिए कम से कम 15 वर्षों की दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस योजना को मेट्रोपॉलिटन योजना समिति (MPC) तैयार करेगी, जिसमें नगर पालिकाओं, पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि और मेट्रोपॉलिटन विकास प्राधिकरण (MRDA) के सदस्य शामिल होंगे।
मेट्रोपॉलिटन योजना समिति
मेट्रोपॉलिटन योजना समिति में एक अध्यक्ष और दो उपाध्यक्ष होंगे, जिनकी नियुक्ति निगम-मंडलों की तर्ज पर सरकार करेगी। समिति के दो तिहाई सदस्य क्षेत्र की नगर पालिकाओं और पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे, जबकि शेष में केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि, संगठनों के सदस्य और संबंधित लोकसभा एवं विधानसभा के सदस्य होंगे।
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मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकास प्राधिकरण
नगर विकास प्राधिकरणों की सीमाओं के बाहर के क्षेत्रों में नियोजन और विकास के काम मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MRDA) द्वारा किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खुद MRDA के अध्यक्ष होंगे। उपाध्यक्षों के रूप में विभिन्न विभागों के मंत्री और प्रमुख सचिव शामिल रहेंगे। इसके अलावा, जिलों के कलेक्टर, संभागीय आयुक्त और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी सदस्य होंगे।
विकास प्राधिकरणों के बाहर के क्षेत्रों का नियोजन
जो प्रोजेक्ट एक से अधिक विकास प्राधिकरणों की सीमाओं में आते हैं, उनका विकास MRDA के माध्यम से किया जाएगा। MPC को MRDA का सहयोग मिलेगा और MRDA की कार्यकारिणी समिति का नेतृत्व मेट्रोपॉलिटन आयुक्त करेंगे।