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मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पुलिस लाइन में पदस्थ पुलिस अधीक्षक (टीआई) रामबाबू यादव ने अपनी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन एसपी समीर सौरभ को सौंपा है। उनके इस कदम के पीछे जो कारण सामने आए हैं, वह बहुत गंभीर हैं। टीआई रामबाबू ने कहा कि वह विभागीय दबाव से तंग आ चुके हैं और मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं। उन्होंने आत्महत्या की स्थिति से बचने के लिए वीआरएस का आवेदन किया है। इस पूरी घटना ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है।
टीआई रामबाबू यादव का आरोप
टीआई रामबाबू यादव ने इस कदम के लिए एसपी समीर सौरभ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में काम का दबाव इस कदर बढ़ चुका है कि उन्हें अपनी जान को खतरा महसूस होने लगा है। रामबाबू ने कहा कि 37 वर्षों की नौकरी में उन्होंने कभी ऐसा दबाव नहीं देखा। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय दबाव इतना बढ़ गया है कि लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। रामबाबू ने खुद को आत्महत्या से दूर रखने के लिए वीआरएस का आवेदन दिया है।
अच्छे काम का नहीं मिला श्रेय- टीआई
टीआई रामबाबू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि एसपी समीर सौरभ उनके द्वारा किए गए अच्छे काम का श्रेय नहीं देते हैं। रामबाबू ने जिले में कई बड़े आपराधिक मामलों का खुलासा किया। इसमें रिठौरा थाने में लुटेरों का शॉर्ट एनकाउंटर और जौरा थाने में 50 लाख की डकैती का मामला शामिल है। एसपी साहब ने इन मामलों का श्रेय दूसरी टीम को दे दिया। यह स्थिति उनके लिए अस्वीकार्य थी।
रामबाबू ने कहा कि अगर कोई अच्छा काम किया है तो उसे मान्यता मिलनी चाहिए, लेकिन एसपी साहब इसे टीम का काम बताते हैं, जबकि इसमें उनकी ही अहम भूमिका रही है।
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एसपी समीर सौरभ का जवाब
इस पूरे मामले पर एसपी समीर सौरभ ने कहा कि टीआई रामबाबू यादव ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है, और यह सत्य है। उन्होंने यह भी कहा कि रामबाबू ने जौरा केस में अच्छा काम किया है, लेकिन यह पूरा काम टीम का है। एसपी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि एक टीम का मनोबल गिराए बिना किसी एक व्यक्ति को श्रेय दिया जाए। वह इस पूरे मामले में शनि मेले की ड्यूटी खत्म होने के बाद रामबाबू से मिलकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
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रामबाबू यादव का आरोप महज व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह पुलिस विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि मानसिक तनाव बढ़ने के कारण कई लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि वह इस तरह के कदम नहीं उठाएंगे। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में भी मामले को लेकर चर्चा जारी है। एमपी पुलिस
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