News Strike: Jabalpur में सबसे बड़े फ्लाईओवर का विरोध क्यों, BJP के एक फैसले ने खोल दी अंदरूनी गुटबाजी की कलई!

जबलपुर के सबसे बड़े फ्लाईओवर का विरोध और राजनीति गरमाई हुई है। बीजेपी के फैसले के बाद, पार्टी के अंदरूनी विवाद खुलकर सामने आ रहे हैं। इस फ्लाईओवर को लेकर कांग्रेस भी सियासत का फायदा उठाने की तैयारी में है।

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Harish Divekar
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news strike 22 august

Photograph: (The Sootr)

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जबलपुर में एतिहासिक फ्लाईओवर का लोकार्पण बस चंद ही घंटे बाद होने वाला है। पुल के खासियतें बेशुमार हैं। उतना ही ज्यादा उसका विरोध शुरू हो गया है। विरोध ही क्या राजनीति शुरू हो चुकी है। ब्रिज बनवाया बीजेपी ने ही लेकिन बीजेपी में इस पर सियासत हावी है। जिसका पूरा फायदा कांग्रेस उठाने की कोशिश कर रही है।

इस पूरे घटनाक्रम के दो अलग-अलग पहलू हैं। दोनों पर चर्चा होगी साथ ही ये भी बताएंगे कि इस ब्रिज में ऐसा क्या खास है जो इसे अब तक का सबसे यूनिक ब्रिज बताया जा रहा है। साथ ही ये भी जान लीजिए कि इतनी बड़ी सौगात देने के लिए बीजेपी ने जबलपुर को ही क्यों चुना है। 

जबलपुर के लोगों को नए फ्लाईओवर की सौगात मिलने जा रही है। ये फ्लाईओवर इस मायने में भी खास है क्योंकि ये देश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर और सबसे बड़ा केबल स्टे ब्रिज बनने जा रहा है। इसकी लंबाई करीब आठ किमी है।

अब आप सोचेंगे कि फ्लाईओवर या केबल स्टे ब्रिज तो अक्सर ही बनते रहते हैं। इसमें ऐसा क्या खास है कि हमने उस पर न्यूज स्ट्राइक का पूरा एक आर्टिकल ही बना डाला। तो आपको बता दें कि ब्रिज तो अपने आप में खास है ही क्योंकि ये जबलपुर सहित पूरे मध्यप्रदेश के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज करने जा रहा है।

वो भी हम आपको बता ही चुके हैं कि ये देश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर और केबल स्टे ब्रिज होगा। जिसकी वजह से जबलपुर के लोग चालीस मिनट का सफर सिर्फ दस मिनट में पूरा कर सकेंगे। फ्लाई ओवर के नीचे ही बास्केट बॉल कोर्ट, ओपन जिम और पार्क भी बनाया गया है।

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कांग्रेस कर रही विरोध

जनता की सहूलियत के लिए ये ब्रिज बहुत जरूरी है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन ब्रिज को लेकर सियासत भी भरपूर हो रही है। कांग्रेस ने इस ब्रिज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और बीजेपी की अंतर्कलह भी खुलकर सामने नजर आई है।

कांग्रेस का विरोध इस बात को लेकर है कि ब्रिज कहीं और है और उद्घाटन यानी कि लोकार्पण का कार्यक्रम कहीं और हो रहा है। असल में इस कार्यक्रम के लिए मेन रोड पर मंच बनाया गया है। इसके विरोध के पीछे कांग्रेस की दलील ये है कि इससे आम लोगों को गुजरने में परेशानी होगी।

कांग्रेस ने इस बात पर हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि हाईकोर्ट ने भी मेन रोड बंद करने पर रोक लगाई है। इस बात पर विरोध जताने कांग्रेसी गुरुवार रात कार्यक्रम स्थल भी गए और बैरिकेड्स भी तोड़े। लगे हाथ कुछ देर धरने पर भी बैठ गए।

कांग्रेस ने दी ये धमकी

बता दें कि इस ब्रिज के उद्घाटन के लिए खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जबलपुर आ रहे हैं। सीएम मोहन यादव मौजूद होंगे ही। यानी प्रोग्राम काफी भव्य होने जा रहा है। प्रोटोकॉल को देखते हुई तीन दिन पहले से ही सारे इंतजाम शुरू हो चुके हैं। शहर के कुछ रोड पहले ही बंद कर दी गए हैं।

कांग्रेस ने इस बात पर भी विरोध जताया है कि एंबुलेंस को भी लंबा रूट लेकर ही जाना पड़ रहा है। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने ये धमकी तक दे डाली है कि अगर ये कार्यक्रम मेन रोड पर ही हुआ तो 26 अगस्त को होने वाला कांग्रेस का आयोजन भी मेन रोड पर ही होगा। और, प्रशासन को मंजूरी भी देनी ही होगी।

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कांग्रेस को क्लियर करना होगा अपना स्टैंड

कांग्रेस ने ये धमकी दे तो डाली है, पर हर कांग्रेस नेता को ये इल्म होगा कि दो दिन पहले विरोध जता कर वो किसी केंद्रीय मंत्री का दौरा रद्द नहीं करवा सकते। यानी जो कार्यक्रम है वो तो हो कर ही रहेगा।

कांग्रेस चाहे लाख सिर पीट ले। इतना जरूर है कि इस विरोध के बहाने कांग्रेस कम से कम अपनी प्रेजेंस दर्ज करवाने में तो कामयाब हो ही गई है। लेकिन ब्रिज का विरोध करने से पहले कांग्रेस को एक दफा ये भी सोच लेना चाहिए कि कहीं पांसा उल्टा न पड़ जाए। क्योंकि लोकार्पण कार्यक्रम के नाम पर जनता की परेशानी तो अपनी जगह है।

लेकिन, ब्रिज के सुचारू रूप से शुरू होने के बाद आम लोगों को ब्रिज से फायदा ही होने जा रहा है। इसलिए कांग्रेस को अपना स्टैंड अच्छे से क्लियर करना चाहिए कि वो ब्रिज के लोकार्पण के विरोध में नहीं है। बल्कि लोकार्पण कार्यक्रम के लिए तय किए गए स्थान का विरोध कर रही है। ताकि जनता में ये छवि न बने कि कांग्रेस अब विकास कार्यों की खिलाफत भी करने लगी है।

जबलपुर फ्लाइओवरः बीजेपी में भी अंतर्कलह

कांग्रेस अगर विरोध कर रही है तो बीजेपी में भी अंतर्कलह कम नहीं है। सूत्रों की मानें तो ब्रिज को लेकर पार्टी के भीतर ही क्रेडिट की होड़ जोरों पर है जिसे देखते हुए लोकार्पण का वेन्यू बदल दिया गया है।

अंदरूनी हलकों में खबर है कि पहले ये कार्यक्रम शहर के दमोह नाका राइट टाउन पर होना तय था। लेकिन इसका क्रेडिट उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक अभिलाष पांडे को चला जाता और सांसद आशीष दुबे भी क्रेडिट ले जाते।

कांग्रेस का आरोप है कि क्रेडिट की खातिर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कार्यक्रम की जगह ऐसी तय करवाई कि क्रेडिट उन्हें ही मिले। भले ही आम जनता इससे परेशान होती रहे।

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बीजेपी ने विरोध को बताया ओछी राजनीति

इन आरोपों पर बीजेपी महानगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने भी जवाब दिया है। सोनकर का कहना है कि दो दिन की परेशानी के बदले लोगों को जीवनभर की आसानी मिलेगी। कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को उन्होंने ओछी राजनीति बताया और कहा कि कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक स्टंट कर रही है। जबकि कमलनाथ सरकार के दौरान इस फ्लाईओवर का काम रोक ही दिया गया था। इसलिए कांग्रेस इस ब्रिज से जुड़े कामों का विरोध कर रही है।

महाकौशल पर इसलिए है बीजेपी का फोकस

महाकौशल पर पिछले चुनाव के बाद से बीजेपी का फोकस लगातार बना हुआ है। इसकी वजह है साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को महाकौशल से बड़ा नुकसान होना। उस चुनाव में बीजेपी को इस क्षेत्र की 38 में से 13 ही सीटें मिली थीं। जबलपुर में भी चार सीटें ही मिल पाई थीं और चार कांग्रेस के खाते में गई थीं।

2023 के चुनाव में बीजेपी ने 21 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल कर ली थी। लेकिन इसके बाद ढील देना बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है क्योंकि महाकौशल से अक्सर अनदेखी की आवाजें उठती रही हैं।

बीजेपी के नेता ही कई बार अलग-अलग मुद्दों पर पार्टी से नाराजगी जता चुके हैं। इसलिए बीजेपी अब महाकौशल में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। यही वजह है कि फ्लाईओवर के नाम पर जबलपुर को इतनी बड़ी सौगात दी जा रही है।

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इस नियमित कॉलम न्यूज स्ट्राइक (News Strike) के लेखक हरीश दिवेकर (Harish Divekar) मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं

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