कलेक्टर से मांगा प्रतिवेदन
विधानसभा चुनाव से पहले बने तीन जिले
प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के पहले पांढुर्णा-सौंसर को मिलाकर पांढुर्णा जिला बनाया जा चुका है। इसी क्रम मे सतना जिले के मैहर और रीवा जिले के मऊगंज को जिला बनाया गया है। नए तीन जिले को मिलाकर मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल 55 जिले हैं। यदि जुन्नारदेव जिला बनता है तो प्रदेश में जिलों की संख्या 56 हो जाएगी।
मध्य प्रदेश में अब तक ये बने नए जिले
1998
- हरदा
- अनूपपुर
- बुरहानपुर
2003
- अलीराजपुर
2008
- सिंगरौली
- अशोकनगर
2013
- आगर-मालवा
- नीमच
2018
- निवाड़ी
मध्य प्रदेश में ये हैं जिले
मध्य प्रदेश में राजगढ़, रतलाम, रीवा, सागर, सतना, सीहोर, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, सीधी, सिंगरोली, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा, आगर, अलीराजपुर, अनूपपुर,अशोकनगर,बड़वानी,बालाघाट,बैतूल,भिंड,भोपाल,बुरहानपुर,छतरपुर, छिंदवाड़ा,दमोह,दतिया,देवास,धाार,डिंडोरी,गुना,ग्वालियर,हरदा,होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, कटनी, खंडवा, खरगोन, मंडला, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना और रायसेन है। इनके अलावा हाल ही में मऊगंज , मैहर और पांढुर्णा को जिला बनाया गया है।
1956 में मध्यप्रदेश के गठन के समय थे 43 जिले
मध्यप्रदेश के गठन के समय जिलों की संख्या 43 थी। इसके बाद सन 1972 में 2 नए जिले बनाए गए, जिससे यह संख्या 43 से बढ़कर 45 हो गई। बता दें ये दो जिले मध्यप्रदेश की वर्तमान राजधानी भोपाल और छत्तीसगढ़ राज्य का जिला राजनांदगांव हैं।
छत्तीसगढ़ को दिए 16 जिले
सन 2000 में मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बना दिया गया और 16 जिले छत्तीसगढ़ राज्य में विलय कर दिए गए इस प्रकार मध्यप्रदेश में जिलों कि संख्या 61 से घटकर पुनः 45 हो गई थी।
कब- कब बने नए जिले
- इसके बाद सन 1998 में 16 नए जिलो का गठन किया गया जिनसे मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या 61 हो गई। जिनमें से 16 जो नए जिले बनाए थे उनमें से 7 जिले वर्तमान में मध्यप्रदेश में ही है।
- सन 2003 में मध्यप्रदेश की प्रथम महिला सीएम उमा भारती के शासनकाल में पुन:3 नए जिले(अनूपपुर, बुरहानपुर, अशोकनगर) बनाए गए जिससे जिलों की संख्या एक बार फिर 48 हो गई।
- 2008 में 2 नए जिले बनाए गए इस समय सीएम शिवराज सिंह चौहान थे। अलीराजपुर (झाबुआ से), सिंगरोली (सीधी से) इसके बाद 16 अगस्त 2013 में एक नया जिला (आगर मालवा शाजापुर से) बनाया गया। जिसके बाद मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 51हो गई।
- इसके बाद 1 अक्टूबर 2018 में एक और नया जिला (निवाड़ी) बनाया गया। यह जिला टीकमगढ़ से बनाया गया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या 51से बढ़कर 52 हो गई थी।
- इसके उपरान्त सीएम कमलनाथ द्वारा 18 मार्च 2020 को 3 नए जिलों को प्रस्तावित किया गया। सतना से मैहर, उज्जैन से नागदा और गुना से चाचौड़ा। हालांकि अभी इन जिलों को बनाने का प्रस्ताव लंबित है।
तत्कालीन सीएम चौहान ने की थी घोषणा
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल की आखिरी कैबिनेट में 2 नए जिला बनाने की स्वीकृति मिली थी।जिसके बाद मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 55 हो गई। सतना से मैहर को और छिदवाड़ा से पांढुर्णा को अलग कर जिला बनाया गया है। इससे पहले रीवा जिले से मऊगंज को अलग कर जिला बनाया गया था।
मऊगंज
मऊगंज मध्यप्रदेश का 53वां जिला है। इससे पहले मऊगंज रीवा जिले के अंतर्गत आता था। मऊगंज के अंतर्गत दो विधानसभा देवतालाव और मऊगंज आती है। 13 अगस्त को कैबिनेट से मऊगंज को जिला बनाने की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन 15 अगस्त 2023 से जिला मऊगंज अस्तित्व मे आया।
मैहर
18 मार्च 2020 को कांग्रेस सरकार द्वारा कैबिनेट प्रस्ताव कर दिया गया था, लेकिन बुधवार 4 सितम्बर 2023 रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में जिले को स्वीकृति दी गई। मैहर की पहचान शारदा माता मंदिर से है। इसके साथ ही आर्थिक रूप से भी काफी सम्पन्न है।
पांढुर्णा
पांढुर्णा छिदवाड़ा जिले की तहसील थी, जिसे छिदवाड़ा जिले से अलग कर पांढुर्णा को जिला बनाया है। सौसर, पांढुर्ना और नन्दीवाड़ी को मिलाकर पांढुर्णा को जिला बनाया गया है। यह क्षेत्र दलहनी फसलो के लिए जाना जाता है।