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मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ( Energy Minister Rakesh Shukla ) ने एक बयान में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (Union Ministry of Renewable Energy ) के तहत विकसित की गई है। यह भारत का सबसे बड़ा सोलर पार्क (solar park ) और मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना है।
इनती बिजली पैदा होने की संभावना
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि परियोजना के चालू होने पर एसजेवीएन (SJVN) की कुल स्थापित क्षमता बढ़कर 2466.50 मेगावाट हो गई है। बता दें कि इस परियोजना से पहले साल में 196.5 मिलियन यूनिट (million units ) और अगले 25 सालों में 4,629.3 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होने की संभावना है।
2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन
ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा है कि इस परियोजना ( Project ) के लगने से कार्बन उत्सर्जन में 2.3 लाख टन की कमी आएगी। साल 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions ) प्राप्त करने के केंद्र सरकार के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। आपको बताते चले कि ये परियोजना बिजली संयंत्र ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर पर विकसित किया गया था।
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