कांवड़ यात्रा से पहले पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में बड़ा हादसा, भीड़ में दबकर दो महिलाओं की मौत

सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ के कारण धक्का-मुक्की हुई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में आज (5 अगस्त) भारी भीड़ के चलते धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसमें दो महिला श्रद्धालुओं की मौत होने की खबर है। एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना तब हुई जब भारी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए कुबेरेश्वर धाम पहुंचे थे। इस दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दो लोग नीचे गिर गए और भीड़ के दबाव में उनकी जान चली गई।

जानें क्या पूरा मामला...

6 अगस्त को कुबेरेश्वर धाम से चितावलिया हेमा गांव तक कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक, कांवड़ यात्रा से एक दिन पहले ही भारी संख्या में श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंचे। आयोजकों और प्रशासन ने व्यवस्था की थी, लेकिन श्रद्धालुओं की तादाद इतनी अधिक हो गई कि स्थान पर जगह की कमी होने लगी। इसके चलते अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। इसके चलते दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।

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प्रशासन की तैयारी पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद प्रशासन ने दावा किया था कि उन्होंने 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की थी। नमक चौराहा, राधेश्याम कॉलोनी, बजरंग अखाड़ा, अटल पार्क, शास्त्री स्कूल, लुर्द माता स्कूल और सीवन नदी के पास ठहरने की व्यवस्था की गई थी। हालांकि, एक दिन पहले ही भारी भीड़ के दबाव ने सभी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। इस कारण प्रशासन का यह दावा भी गलत साबित हुआ।

पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में दर्दनाक हादसा पर एक नजर...

  • 5 अगस्त को मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में भारी भीड़ के कारण धक्का-मुक्की हुई, जिससे दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हुआ।

  • कांवड़ यात्रा से एक दिन पहले भारी संख्या में श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंचे, जिससे अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया।

  • प्रशासन ने 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की थी, लेकिन भीड़ के दबाव ने व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया।

  • कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात नियंत्रण के लिए डायवर्जन प्लान तैयार किया गया था, लेकिन हादसे के समय तक यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी।

  • अपर कलेक्टर ने एसडीएम तन्नय वर्मा को व्यवस्था का प्रभारी नियुक्त किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि हादसे के समय कितनी पुलिस और मेडिकल टीमें तैनात थीं।

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डायवर्जन प्लान की तैयारी

कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात के दबाव को नियंत्रित करने के लिए एक डायवर्जन प्लान तैयार किया गया था। एसपी दीपक शुक्ला ने बताया था कि 5 अगस्त रात 12 बजे से 6 अगस्त रात 11 बजे तक अलग-अलग डायवर्जन और पार्किंग प्लान लागू होने थे। भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजने और छोटे वाहनों को न्यू क्रिसेंट चौराहा से अमलाहा होते हुए भेजने की योजना थी। लेकिन हादसे के समय तक इस व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका।

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कलेक्टर ने एसडीएम को दिया व्यवस्था का प्रभार

इस घटना के बाद अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह ने एसडीएम तन्नय वर्मा को पूरी व्यवस्था का प्रभारी नियुक्त किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि हादसे के समय कितना पुलिस बल और मेडिकल टीमें मौके पर तैनात थीं।

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