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मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में आधार अपडेशन सिस्टम की खामियां उजागर होने के बाद पुलिस ने अब 5 प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से जांच शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा ने सभी जिलों के एसपी को एसओपी भेजकर इन बिंदुओं पर जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस द्वारा तय किए गए 5 जांच बिंदु
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सॉल्वर की पहचान - उम्मीदवार से मिलाने वाला दलाल और सॉल्वर कौन था?
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आधार कार्ड में बदलाव - आधार कार्ड की हिस्ट्री किसने और किस आईडी से बदली?
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आईडी का उपयोग - यह आईडी कहां और कैसे इस्तेमाल हुई?
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तकनीकी खामी - ईएसबी परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा उपकरण लगाने वाले वेंडर की ओर से कोई तकनीकी खामी तो नहीं थी, जिसे माफिया ने भुनाया?
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बायोमेट्रिक की सघन जांच - क्या रेंडम बायोमेट्रिक के बावजूद परीक्षा में धोखाधड़ी हुई?
जांच में अब तक क्या सामने आया?
शनिवार को पुलिस मुख्यालय में पहली बार इस मामले में प्रेस वार्ता की गई। इस मामले में आईजी कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह और डीआईजी चयन एवं भर्ती बीरेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में ईएसबी के किसी भी कर्मचारी की मिलीभगत सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद गड़बड़ी का पता चलने पर पुलिस ने सख्ती से आरोपियों का पीछा किया और 22 उम्मीदवारों को भर्ती से पहले गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि इस मामले में अब तक 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं।
भर्ती प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण:
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ऑनलाइन लिखित परीक्षा: 6,52,057 उम्मीदवार शामिल हुए
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शारीरिक दक्षता परीक्षा में चयन: 55,220 उम्मीदवार चयनित हुए
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अंतिम चयन: 6423 उम्मीदवार (5090 पुरुष, 1333 महिला) का चयन हुआ
मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 फर्जीवाड़ा | Fake Candidates की ताबड़तोड़ धरपकड़ जारी
मुख्यमंत्री भी मामले को लेकर गंभीर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "जिसने भी गड़बड़ी की है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। पुलिस मुख्यालय ने जांच शुरू कर दी है और बायोमीट्रिक व आधार की सघन जांच की जा रही है।"
सुरक्षा और परीक्षा के दौरान गड़बड़ी
इस बार परीक्षा में सुरक्षा के लिए 'रेंडम फिंगर बायोमेट्रिक' सिस्टम लागू किया गया था, जिसमें उम्मीदवार के किसी भी अंगूठे या उंगली का बायोमेट्रिक लिया गया। इसके बावजूद 21 मामलों में सॉल्वर परीक्षा देने में सफल रहे, जिससे परीक्षा की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।
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फिजिकल टेस्ट में फर्जीवाड़ा
शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान, मुरैना के परीक्षा केंद्र में पांच अभ्यर्थियों ने अपनी जगह अन्य लोगों को भेजा था। यह स्थिति संदिग्ध पाई गई, और इन अभ्यर्थियों पर तुरंत कार्रवाई की गई। बाद में पुलिस मुख्यालय ने इन फर्जीवाड़ों की जांच के लिए सभी सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का पुनः सत्यापन करने के निर्देश दिए।
आधार कार्ड और बायोमेट्रिक संशोधन की जांच
पुलिस द्वारा की गई गहन जांच में यह पाया गया कि कुछ अभ्यर्थियों ने अपने आधार कार्ड का बायोमेट्रिक संशोधन परीक्षा से पहले और बाद में किया था। यह संशोधन बायोमेट्रिक डेटा और फिंगरप्रिंट के मिलान से जुड़ा हुआ था। इसके बाद इन अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर, फिंगरप्रिंट और हस्तलिपि के नमूने लिए गए और उनकी जांच की गई।
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आधार कार्ड वेंडरों की मिलीभगत
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ आधार कार्ड वेंडरों द्वारा अभ्यर्थियों के आधार कार्ड को बिना पूरी तरह से जांचे उनके सिस्टम में अपलोड किया गया। यह प्रक्रिया वेंडरों द्वारा अतिरिक्त लाभ लेने के उद्देश्य से की गई थी। इस मामले में आरोपी वेंडरों की मिलीभगत भी उजागर हुई है।
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