MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में दुर्लभ और रणनीतिक खनिज संसाधनों की खोजबीन के लिए 82 नए ब्लॉकों में काम शुरू करने की योजना बनाई है। खनिज संसाधन विभाग इन ब्लॉकों को विभिन्न सरकारी और निजी एजेंसियों को सौंपने की तैयारी में है। इनमें विशेष रूप से क्रिटिकल मिनरल और पेट्रोकेमिकल्स के ब्लॉक शामिल हैं। केंद्र सरकार की नई एक्सप्लोरेशन नीति के तहत इस प्रयास को पूरी आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे प्रदेश के खनिज भंडार की खोज में तेजी आएगी और विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
केंद्र सरकार की एक्सप्लोरेशन नीति
केंद्र सरकार ने 2024 में नई एक्सप्लोरेशन नीति लागू की है, जिसके तहत माइनिंग क्षेत्र में खोजबीन के लिए 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, सरकार खोजबीन करने वाली कंपनियों के 50 प्रतिशत रिस्क को कवर भी करेगी। मध्यप्रदेश इस नीति के क्रियान्वयन में अग्रणी है। यहाँ प्रमुख खनिज जैसे रॉक फॉस्फेट, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट, प्लेटिनम, और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) के साथ पेट्रोकेमिकल्स की खोज तेजी से की जा रही है।
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एजेंसियां जो कर रहीं खोज
खोजबीन के काम में जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI), मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (MECL), ओएनजीसी के साथ-साथ कई निजी कंपनियां भी सक्रिय होंगी। खनिज संचालक फ्रैंक नोबल ए. के अनुसार, जल्द ही पर्यवेक्षण कार्य शुरू हो जाएगा और उसके बाद नए ब्लॉकों का आवंटन किया जाएगा।
खोजबीन के लिए चयनित जिले
नए ब्लॉकों में बैतूल, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर, झाबुआ, डिंडोरी, मंडला, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, दमोह, पन्ना जैसे जिलों को शामिल किया गया है। इनमें से कई जिलों में पहले से ही कुछ ब्लॉकों में खोजबीन जारी है। नए ब्लॉकों पर भी जल्द ही कार्य शुरू होगा।