चीतों के बाद अब मध्य प्रदेश में एक सींग वाले गैंडों को बसाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए अनुकूल आवास (एन्सिएंट फेवरेबल हैबिटेट) की पहचान की जा रही है। साथ ही, अधिक संभावनाएं तलाशने के लिए वन विभाग ने देहरादून के वन्यजीव संस्थान से मदद भी मांगी है। इस संबंध में पीसीसीएफ वन्यजीव विजय कुमार अंबाड़े ने भारतीय वन्यजीव संस्थान को आधिकारिक तौर पर लेटर लिखा है।
दुनियाभर में 4 हजार ही गेंडे
बता दें कि जून महीने में राज्य वन्य बोर्ड की बैठक हुई थी। जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। गैंडे विलुप्त जानवरों की लाल श्रेणी में हैं। पूरी दुनिया में गैंडों की संख्या बहुत कम हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरी दुनिया में सिर्फ 4 हजार गैंडे बचे हैं। इनमें से भारत में कुल 2900 हैं। वहीं, पूर्वोत्तर राज्य असम में अकेले 2500 से ज्यादा गैंडे हैं।
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सिर्फ तीन राज्यों में गेंडे
अगर गैंडों की बात करें तो इस समय तीन राज्यों में गैंडे हैं। इनमें असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। सबसे पहले अगर असम की बात करें तो राज्य के काजीरंगा नेशनल पार्क, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, ओरंग नेशनल पार्क, डिबू सैखोवा नेशनल पार्क डिब्रूगढ़, मानस नेशनल पार्क में गैंडे मौजूद हैं।
उत्तरप्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में गेंडे
पश्चिम बंगाल की बात की जाए तो यहां के गोरुमारा नेशनल पार्क और जलदापारा नेशनल पार्क में गेंडे हैं। जबकि उत्तरप्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में ही गेंडे मौजूद हैं।
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