मध्य प्रदेश के सीहोर जिले का एक गांव है विशनखेड़ा, जो अपनी अनोखी परंपराओं और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर लोग सदियों से एक अजीब सी परंपरा का पालन करते आ रहे हैं। इस गांव में मान्यता है कि जब तक किसी बच्चे की शादी नहीं होती, वह अपनी चोटी (शिखा) नहीं कटवा सकता। ऐसा माना जाता है कि इस परंपरा के पीछे एक सिद्ध संत, देवनारायण बाबा का आशीर्वाद या फिर उनका डर है। गांव के लोग अब तक इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं, और यहां के हर बच्चे के सिर पर चोटी नजर आती है, चाहे वह किसी भी समाज से ताल्लुक रखता हो।
गांव वालों का क्या है मानना?
गांववालों का मानना है कि जो बच्चा अपनी चोटी रखता है, वह कभी बीमार नहीं पड़ता और उसकी उम्र भी लंबी होती है। यही वजह है कि बच्चे अपनी चोटी 21 साल तक या फिर शादी तक नहीं कटवाते। बाद में चाहें तो चोटी रख सकते हैं, या फिर इसे कटवा सकते हैं। यह परंपरा इस गांव में बखूबी निभाई जाती है और बच्चे बड़े होते ही इस नियम का पालन करते हैं।
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गांव के लोग दूध भी नहीं बेचते
इसके अलावा, इस गांव में एक और दिलचस्प परंपरा है। यहां के लोग कभी भी दूध नहीं बेचते। गांव में हर घर में गाय और भैंस का पालन होता है, लेकिन अगर किसी ने दूध बेचने की कोशिश की, तो उनकी किस्मत में उलटफेर होने की बातें सुनने को मिली हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से देव बाबा नाराज हो जाते हैं। हालांकि, गांववाले दूध किसी को बेचते नहीं हैं, लेकिन अगर किसी को जरूरत होती है, तो वे मुफ्त में इसे दे देते हैं। इस तरह, यह परंपरा गौ सेवा और गौ रक्षा को बढ़ावा देती है।
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शराब को हाथ तक नहीं लगाते
इस गांव के लोग शराब का सेवन भी नहीं करते और यहां कभी कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं होता। यह गांव अपनी शांतिपूर्ण जीवनशैली और अनोखी परंपराओं के लिए पूरे क्षेत्र में जाना जाता है, और ये परंपराएं यहां के लोगों की संस्कृति का अहम हिस्सा बन चुकी हैं।
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